अबकी बार दिवाली में... | #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
अबकी बार दिवाली में
बाबू-भइया भूल न जाना,
अबकी बार दिवाली में
बेघर के घर तक भी जाना,
अबकी बार दिवाली में।
प्राणों की आहुति देकर जो,
सबके दीप जलाए हैं ।
उनके नाम इक दिया जलाना,
अबकी बार दिवाली में ।
चीनी दीप खरीदे जीभर,
फुलझडियां भी खूब लिए
दियली मिट्टी वाले लाना,
अबकी बार दिवाली में।
रुपिया के बंडल में भर,
बारूद सड़क पर फोड़े खुब,
गांवों में जा खुशी मनाना,
अबकी बार दिवाली में।
कोरोना में जिनकी मम्मी,
पापा जग से चले गए।
उन बच्चों पर प्यार लुटाना,
अबकी बार दिवाली में।
जिनके घर में दीवाली के,
दिन भी दीप नहीं जलते,
थोड़ी 'स्वीट' वहां पहुंचाना,
अबकी बार दिवाली में।
पहन चीथड़े सड़कों पर,
जो बच्चे उमर बिताते हैं,
कपड़े नए उन्हें दे आना,
अबकी बार दिवाली में।
देवालय से पुण्य अधिक,
वृद्धाश्रम में मिल जाता है।
बीबी -बच्चों संग अजमाना,
अबकी बार दिवाली में।
आपको सपरिवार दीपावली पर हार्दिक शुभकामनाएं
सुरेश मिश्र
हास्य कवि एवं मंच संचालक, मुंबई।