अब्दुल हक अंसारी
केराकत, जौनपुर। केराकत तहसील में सर्वप्रथम 46 वर्ष पूर्व वर्ष 1979 में पंडाल मां दुर्गा स्थापित की गई जो परंपरा आज भी अनवरत चली आ रही है। मऊ शहर से केराकत आकर कपड़ा व्यवसायी व पत्रकार स्व. श्याम सुंदर सर्राफ ने पंडाल सजाकर मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित कराया। वर्ष 1979 में उस समय उन्होंने केराकत तहसीलदार रामनाथ मिश्र ने समाज सेवी स्व. अम्बिका प्रसाद कमलापुरी व हरिश्चंद मिश्र के सहयोग से वर्ष 1975 अपने सरकारी के ठीक सामने दुर्गा मंदिर की स्थापना तहसील परिसर में कराया था। प्रत्येक वर्ष उसका वार्षिकोत्सव व भंडारा करने की परंपरा की शुरुआत भी करवा दिया जिसे देखकर श्याम सुंदर सर्राफ के मन मस्तिष्क में यह भावना जागृत हो गई कि क्यों न वार्षिकोत्सव व भंडारे के स्थान पर तहसीलदार आवास के सामने दुर्गा पंडाल लगाकर मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित कर दुर्गा पूजा कार्यक्रम की शुरुआत करा दी जाय। यह भावना उन्होंने नगर के महेंद्र गुप्त, ओमप्रकाश साहू, साधू यादव, सुबाष चन्द्र साहू व रामजी खरवार को जब बताया तो सभी साथी दिल खोलकर मदद करने को खुशी-खुशी तैयार हो गये। फिर क्या था वाराणसी से मां दुर्गा की भव्य प्रतिमा मंगाकर तहसीलदार आवास के सामने पंडाल लगाकर स्थापित कराकर दिया गया। उस समय तहसील क्षेत्र में यह एक मात्र दुर्गा प्रतिमा पंडाल में पूजाअर्चना प्रारंभ हो गयी। आज देखा जाय तो नगर में दर्जनों स्थानों पर मां दुर्गा पंडाल बनाकर पूजा की जाती है। वाराणसी के तर्ज पर केराकत नगर में शारदीय नवरात्र के षष्टमी पर विभिन्न भव्य पंडालों में मां दुर्गा की प्रतिमाएं स्थापित करके दुर्गा पूजा की जाती है।
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