#BareillyNews: गेहूं आटे का सेवन मनुष्य के लिए सबसे घातक : डॉ. खादर वली | #NayaSaveraNetwork




  • मोटा अनाज जैसा आपका आहार ही आपकी औषधि है
निर्भय सक्सेना @ नया सवेरा 
बरेली। देश के जाने माने आहार विशेषज्ञ मिलेट मैन ऑफ इंडिया के नाम से प्रसिद्ध पद्मश्री डॉ खादर वली ने एक प्रश्न का जवाब देते हुए गेहूं के आटे को मनुष्य के लिए सबसे घातक बताया और मोटे अनाज अपनाने की सलाह दी। इसके साथ ही वेस्टर्न टॉयलेट की जगह देसी टॉयलेट अपनाकर पेट के रोगों से भी मुक्ति की बात कही। आई बी आर आई में हुए एक कार्यक्रम में बोलते हुए डॉ खादर वली ने कहा पिछले काफी वर्षों से रसायनयुक्त भोजन खा खाकर हम बीमार हो रहे हैं और अपनी जीवन भर की कमाई डाॅक्टरों को सौंपकर उनकी तिजोरी भरते जा रहे हैं। जबकि आहार ही आपकी औषधि है। 
डॉ खादर वली ने कहा कि बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने दूषित भोजन खिलाकर हमारे शरीर को रोगों का घर बना दिया है और दवाइयाँ बेचकर मालामाल हो रही हैं। हमारी सारी बीमारियों की जड़ हमारा खानपान है। इस देश को डॉक्टर नहीं, किसान निरोग कर सकते हैं। 
डॉ खादर वली ने कहा कि मिलेट, जिसे हमारे प्रधानमंत्री ने श्रीअन्न का नाम दिया है, का नियमित सेवन हमारी सारी बीमारियों का एकमात्र निदान है। यह न सिर्फ हमारे शरीर को हृष्ट पुष्ट रखता है बल्कि पर्यावरण को बचाने में भी सहायक है। एक किलो चावल के उत्पादन में 8 हजार लीटर पानी की जरूरत पड़ती है जबकि एक किलो मिलेट के उत्पादन में महज ढाई से तीन सौ लीटर पानी की जरूरत पड़ती है। अगर किसान धान, गेहूं और चीनी की खेती बंद कर मिलेट की खेती की ओर बढ़ें तो हम भावी पीढ़ी के लिए 5 हजार वर्षों तक पानी की व्यवस्था कर जाएंगे। अगर हमने सबक नहीं लिया तो भावी पीढ़ी हमें माफ नहीं करेगी। 
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एस आई एस ग्रुप और राष्ट्रीय संगत पंगत के संस्थापक अध्यक्ष, पूर्व सांसद डॉ आर के सिन्हा ने कहा कि वैसे तो प्रकृति में  200 तरह के मिलेट्स मौजूद हैं लेकिन मुख्यतः पांच मिलेट कोदो, कुटकी, कंगनी, सावां और हरा सावां का सेवन हमारी सेहत के लिए सर्वाधिक उपयुक्त है। यह प्राकृतिक खाद्य पदार्थ है। हमारे पूर्वजों ने मिलेट खाकर ही सौ वर्षों का जीवन जिया है। अब कोरोना आपदा के बाद लोगों को मिलेट के महत्व का पता चला है। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार धान, गेहूं और गन्ने की खेती के लिए सब्सिडी दे रही है जबकि मिलेट के उत्पादन पर 5 फीसदी सेवा शुल्क वसूल रही है। मिलेट का सेवन न सिर्फ हमारे शरीर को स्वस्थ बनाता है बल्कि हमें रोगों से लड़ने की क्षमता भी प्रदान करता है। मिलेट की खेती में फायदे ही फायदे हैं, नुकसान कुछ नहीं है। हमारे पूर्वज कहा करते थे कि बोओ और सोओ। 
प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ अरुण सक्सेना ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि जैसे मजबूत शरीर के लिए योग जरूरी है उसी तरह स्वस्थ शरीर के लिए मिलेट जरूरी है। 
समारोह में विधायक संजीव अग्रवाल, विधायक एम पी आर्या, एडवोकेट अनिल सक्सेना, संगत पंगत की राष्ट्रीय संयोजिका रत्ना सिन्हा समेत कई गण्यमान्य लोग मौजूद थे। धन्यवाद ज्ञापन नारायण कालेज के चेयरमैन शशिभूषण ने किया।

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