#Article: पिक्चर साफ हो गई | #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
अभी अभी हरियाणा व जम्मू-काश्मीर के विधान सभा चुनाव के परिणाम आये हैं। जिससे पिक्चर साफ हो गई कि भारत का मुसलमान अपने दीन से हटकर कुछ नहीं सोंचता|उसे भारत की अस्मिता व समृद्धि से कुछ लेना देना नहीं है|वह सिर्फ और सिर्फ अपने दीन की वृद्धि व विस्तार के लिए ही काम करता है|उसी लिए वोट करता है|उसे न शिक्षा से मतलब है,न विजली पानी सड़क व देश की सुरक्षा से मतलब है|मतलब है तो बस अपने दीन से|
जम्मू- काश्मीर का जो परिणाम आया है वह यही कह रहा है|जबसे 370 धारा वहाँ से हटी है|वहाँ काफी बड़े पैमाने पर विकास के कार्य हुए हैं|जिस काश्मीर से आये दिन चीख पुकार और बम बाजी की खबरें आती थी|जिस काश्मीर में दिन रात बंदूकें और मिशाइल गरजती रहती थीं,उस जम्मू-काश्मीर से किलकारी की गूँज सुनाई देने लगी थी|केन्द्र सरकार की सभी योजनायें वहाँ लागू हो गई थी|इसके पहले वहाँ केन्द्र की योजनाओं का लाभ आम जन को नहीं मिलता था|पानी विजली सड़क आदि की व्यवस्था सुव्यवस्थित हो रही थीं|उसी काश्मीर का चुनाव परिणाम यह कहने के लिए विवश कर दिया कि मुसलमानों को सिर्फ उनका दीन चाहिए|उसे विजली पानी सड़क स्वास्थ्य शिक्षा मंहगाई से कुछ लेना देना नहीं है|यदि होता तो यह परिणाम नहीं आता|शायद इसीलिए काश्मीर आतंक की अाग में जलता रहा|क्योंकि वहाँ के रहिवासी मुसमानों का उनको भरपूर सहयोग मिलता रहा है|गौर करने वाली बात यह भी है कि भारत के जितने मुसलमानों के संगठन हैं, आजतक एक भी धरना प्रदर्शन मंहगाई शिक्षा स्वास्थ्य सड़क विजली पानी के लिए नहीं किए हैं|जब किए हैं तो अपने दीन के लिए|ए फिलीस्तीन इरान तुर्की आदि के लिए तो प्रदर्शन करते हैं|मगर बांग्लादेश में में हिन्दुओं के नरसंहार पर मौन साध लिए|चूँ तक नहीं बोले|प्रदर्शन तो दूर की बात निंदा तक नहीं किए|लेकिन फिलीस्तीन के लिए आज भी विलाप कर रहे हैं|
ए जम्मू-काश्मीर की ही बात नहीं है|भारत में मुसलमानों के नेता ओवैसी बनते हैं|मगर उन्हें मुसलमानों के वोट नहीं मिलते|ए मत समझना कि काश्मीर के अलावाँ बाकी देश के मुसलमान सेकुलर हैं|ऐसा कदापि नहीं है|मुसलमान जानते हैं कि ओवैसी को वोट देना मतलब कचरे में फेंकना है|इसलिए वो वोट उसी को देते हैं,जो उनके दीन का हिमायती है|इस बार के आम चुनाव में यह बात पूरी तरह स्पष्ट हो गई है|यह परिणाम बहुत कुछ सोंचने के लिए विवश कर रहा है|
अब हम हरियाणा के विधान सभा चुनाव पर बात करते हैं|वहाँ भी विघटनकारी शक्तियों ने खूब जोर आजमाईश की थीं|किसान पहलवान का मुद्दा खुब जोर शोर से उछाली थीं|पर वहाँ के वोटरों ने सबको जमीन दिखाते हुए राष्ट्रवाद पर और राज्य के विकास के लिए वोट किया है|साधुवाद है देशभक्त वोटरों का|इस चुनाव परिणाम से यह भी स्पष्ट हो गया कि शम्भू बार्डर पर जो छद्मवेशी किसान बैठे देश की ऐसी तैसी कर रहे हैं,वे सबके सब नकली किसान हैं|यदि असली होते तो यह परिणाम कुछ और होता|वहाँ के वोटरों ने इन नकली किसानो की औकात बता दी|यह तो पहले ही स्पष्ट था कि ए प्रदर्शनकारी असली किसान नहीं है|इस बात को हरियाणा के वोटरों ने मुहर लगाकर साबित कर दिया|अब तो सरकार को चाहिए कि इन अतिवादी बकवादी नकली किसानों को खदेड़ कर शम्भू बार्डर को खाली कराये|कोर्ट का भी यही कहना है|किसान तब भी खेत में था आज भी खेत में ही है|तभी तो खेतों में फसलें लहलहा रही है|
विरोधियों ने एक महिला पशलवान को भी आगे करके इस चुनाव में खूब प्रोपेगेंडा तैयार किया था|सोंचे थे मैदान मार लेंगे|वह पहलवान भी निज हितों के लिए देश को अपमानित करा दिया|सोंची थी ऐसा करके लोगों की सहानुभूति लेकर बहुत बड़ा तीर मार लूँगी|उसको भी हरियाणा की सजग व प्रबुद्ध जनता ने पटखनी देकर जमीन दिखा दिया|और यह बता दिया कि देश का विकास देश की समृद्धि देश का गौरव सर्वोपरि है|देश विकसित होगा तो हमारा विकास बिना कहे होगा|देश रहेगा तभी टमाटर सस्ता मिलेगा|जब देश ही नहीं रहगा तो टमाटर का क्या करेंगे|लेकिन विघटनकारी शक्तियाँ निजी हित के लिए देश को डुबाने में में लगी हैं|
पं.जमदग्निपुरी