नया सवेरा नेटवर्क
इजराइल और हमास में जंग छिड़ने के बाद एक सवाल मन मस्तिष्क पर तेजी से अंकित हुआ,कि क्या आतंकवादी दूसरे देशों की शांति भंग करने के लिए पाले जाते हैं|ऐसा इसलिए कि जब हमास आतंकियों द्वारा इजराइल के सांस्कृतिक आयोजन व सैनिक अड्डों को जल थल आसमान से ताबड़तोड़ हमला कर इजराइल को जन धन की काफी क्षति पहुँचाया|उसके प्रतिक्रिया में जब इजराइल ने हमास को सबक सिखाने के लिए व अपने अपहृत नागरिकों को सुरक्षित छुड़ाने के लिए फिलिस्तीन में गाजापट्टी जो कि हमास के प्रभुत्व वाला इलाका है,उस पर सैनिक कार्यवाई शुरू किया|जिसका विरोध विश्व के कई मुस्लिम देशों ने किया|जिसमें इरान तो खुलकर विरोध कर रहा है|भारत में भी मुस्लिम जमात वाले इजराइल के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहे हैं|लेकिन यही मुस्लिम देश और मुस्लिम जमात वाले इजराइल को बिना वजह नुकसान पहुँचाने वाले हमास का एक बार भी न विरोध किए न निंदा|उल्टे कितने मुस्लिम संगठन तो जश्न मनाये थे|जैसे ही इजराइल ने हमास का धूवाँ उड़ाना शुरू किया,सबका मानवाधिकार जाग गया|
इजराइल हमास युद्ध से एक बात स्पष्ट दिख रहा है कि कई देश आतंकवादियों का भरण पोषण कर रहे हैं|जो दूसरे देशों की शांति भंग कर जान माल का नुकसान कर रहे हैं|इरान में हुती विद्रोही हैं|तो लेबनान में हिजबुल्लाह,इराक में आईएसआईएस,फिलिस्तीन में हमास,पाकिस्तान में तो कितने हैं गिनती नहीं है|वहाँ तो ऐसा लगता है जैसे हर दूसरा घर एक आतंकवादी संगठन के मुखिया का हो|कनाडा में खालिस्तानी पल रहे हैं|जो भारत की शांति को रह रहकर भंग कर रहे हैं|विगत दिनों कुछ साइलेंट किलरों ने कनाडा में कई खालिस्तानियों का सफाया किया,तो कनाडा चीखने चिल्लाने लगा|इसका साफ मतलब है कि कनाडा भारत को कमजोर करने की मंशा पाले हुए है|इसीलिए भारत से भागे खालिस्तानियों का पनाहगार बना हुआ है|
इसी तरह लेबनान भी हिजबुल आतंकियों को पालपोष रहा है|उन्हें अत्याधुनिक हथियार भी मुहइया करा रहा है|जो हथियार देश के पास होना चाहिए वह हिजबुल,हुती,हमास,आईएस आईएस,जेकेएलएफ,इंडियन मुजाहिद्दीन,तालिबान,हिजबुल मुजाहिद्दीन जैसे आतंकी संगठनों के पास मिलना,यह स्पष्ट करता है कि कई देश इनका भरण पोषण कर रहे हैं|जिसमें इरान, इराक,लेबनान,फिलिस्तीन तुर्की,पाकिस्तान प्रमुख रूप से शामिल हैं|
भारत देश की कुछ राजनीतिक पार्टियाँ भी आतंकियों की संरक्षक बनी हुई हैं|जिसका ताजातरीन उदाहरण है हिजबुल के सरगना नसरुल्लाह का मारा जाना|वह भारत देश का कुछ भी नहीं है|मगर जिस तरह से कुछ राजनीतिक दल उसका यहाँ मातम मनाये हैं,उससे पता चलता है कि हमारे भारत में भी कुछ विघटनकारी शक्तियाँ फल फूल रही हैं|जो आतंकियों को संरक्षण प्रदान करती हैं|जिसमें भारत का एक प्रमुख राजनीतिक दल मुख्य भूमिका निभा रहा है|ये दल वोट की खातिर हिन्दुओं से इतनी नफरत करते हैं कि शब्द नहीं मिल रहे हैं|नसरुल्लाह के मारे जाने पर मातम मना रहे हैं|धरना प्रदर्शन कर रहे हैं|वहीं अभी हाल ही में या यूँ कहें अभी भी बांग्लादेश में हिन्दुओं का कत्लेआम हुआ,महिलाओं की इज्जत लूटी गई,घर से बेघर कर दिए गये,असहनीय अत्याचार हुआ,पर यही नसरुल्लाह पर रोने वाले,हाय हाय करने वाले बांग्लादेश के हिन्दुओं के बारे में निंदा के एक शब्द भी नहीं बोल पाये|होठ फेवीकोल के जोड़ से मजबूत चिपक गये हैं|काश्मीर में बेगुनाह लोग मारे जाते हैं तब ये विघटनकारी आतंकियों के समर्थक दल व देश दोनों मौन साध लेते हैं|तब ये उपरोक्त देश व दल मन ही मन खुशी मनाते हैं|लेकिन जैसे ही कोई आतंकी या आतंकयों का सरगना मारा जाता है|ये सभी विघटनकारी मानवता के विनाशक दल व देश चीखने चिल्लाने लगते हैं|इससे यह साबित होता है कि कुछ देश खास करके मुस्लिम देश आतंकियों का पालन पोषण कर रहे हैं अपने हितार्थ|इसी लिए यह सवाल जेहन में बार बार कौंध रहा है कि क्या आतंकवादी पाले जाते हैं?
पं.जमदग्निपुरी
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