हर संकट को दूर करेंगे गणपति बप्पा: ज्योतिष गुरू पंडित अतुल शास्त्री | #NayaSaveraNetwork

नया सवेरा नेटवर्क

विनायक को समृद्धि और बुद्धि का देवता माना जाता है। गणेश चतुर्थी का त्योहार भाद्रपद माह की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है।भगवान गणेश को प्रथम देव माना जाता है। किसी भी शुभ काम को शुरू करने से पहले लंबोदर की पूजा की जाती है। इस साल 7 सितंबर को गणेश चतुर्थी है। ज्योतिष गुरू पंडित अतुल शास्त्री ने बताया कि इस साल गणेश चतुर्थी का उत्सव 7 सितंबर से शुरू होगा, जबकि गणेश विसर्जन 17 सितंबर, 2024 के दिन किया जाएगा। ज्योतिष गुरू पंडित अतुल शास्त्री ने बताया कि पुराणों के अनुसार गणेश चतुर्थी के दिन भगवान शंकर और पार्वती माता के पुत्र गणेश का जन्म हुआ था। गणेश उत्सव के रूप में 10 दिन तक बप्पा की विधी-विधान से पूजा अर्चना की जाती है। पूरे मन से पूजा पाठ करने वालों के सभी कार्य सिद्ध हो जाते हैं। 

पौराणिक कथा के अनुसार महर्षि वेदव्यास ने महाभारत की रचना के लिए भगवान गणेश का आह्वान किया था। महर्षि व्यास श्लोक बोलते गए और गणपति भगवान बिना रुके 10 दिनों तक महाभारत को लिपिबद्ध लिखते गए। इन दस दिनों में भगवान गणेश पर धूल मिट्‌टी की परत जम गई। वहीं 10 दिन बाद यानी की अनंत चतुर्दशी पर बप्पा ने सरस्वती नदी में स्नान कर खुद को साफ किया। इस दिन के बाद से ही दस दिन तक गणेश उत्सव मनाया जाने लगा। भारत में गणेश चतुर्थी के उत्सव के लिए विभिन्न कलाकृतियाँ और पृष्ठभूमियों के लोग एक साथ आते हैं। भक्त अपने नए प्रयास, शिक्षा और नई शुरुआत में सफलता के लिए आशीर्वाद मांगते हैं। उन्हें आशीर्वाद मिलता है कि हर नया काम उनकी पूजा करने के बाद ही शुरू होगा अन्यथा वह काम करना कभी अच्छा नहीं मानेगा। इसलिए आज तक भक्त पहले अपनी पूजा करते हैं और फिर जीवन में नए उद्यम शुरू करते हैं। 
इस बार गणेश चतुर्थी के त्योहार के मौके पर भी एक खास योग का निर्माण होने जा रहा है। ये योग कई लोगों के जीवन में बड़े बदलाव करने के साथ ही साथ उनकी किस्मत खोलने का काम करने वाला है। अगर जातक गणेश चतुर्थी के खास मौके पर भगवान गणेश की पूजा अर्चना सच्चे मन से करेंगे तो उनकी हर मनोकामना पूर्ण होगी। ज्योतिष गुरू पंडित अतुल शास्त्री ने बताया कि  इस साल की गणेश चतुर्थी पर कौनसा खास योग बनने जा रहे हैं इस साल गणेश चतुर्थी के योग पर ब्रह्म योग, इंद्र योग, रवि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग जैसे 4 शुभ योग बन रहे हैं। इस दिन व्रत करने वाले भक्त अपना आशीर्वाद लेते हैं और उनके मन पूरी तरह से होते हैं जिससे वे काम बन जाते हैं।
यह त्यौहार 7 सितम्बर 2024 को मनाया जाएगा
आरंभ तिथि – शनिवार, 7 सितंबर 2024
अंतिम तिथि – मंगलवार, 17 सितंबर 2024
भाद्रपद मास की चतुर्थी तिथि 06 सितंबर 2024 को दोपहर 03:01 बजे प्रारंभ होगी और 07 सितंबर को शाम 05:37 बजे समाप्त होगी। उदय तिथि के अनुसार, गणेश चतुर्थी शनिवार, 07 सितंबर 2024 को मनाया जाएगा। साथ ही, मध्यान गणेश पूजा का उत्सव, जिसे बहुत शुभ माना जाता है, सुबह 11:03 बजे से दोपहर 01:34 बजे तक के बीच होगा।
हालांकि गणेश चतुर्थी पर भद्रावास योग भी बन रहा है।
भद्रावास योग?
हर साल गणेश चतुर्थी का त्योहार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन मनाया जाता है। इस साल भी भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को ये त्योहार मनाया जाने वाला है। लेकिन सबसे खास बात ये है कि इस बार गणेश चतुर्थी पर भद्रावास योग बन रहा है जो बेहद ही शुभ माना जाता है। इस बार 7 सितंबर 2024 को सुबह 04 बजकर 20 मिनट पर भद्रावास योग का निर्माण हो रहा है और समापन शाम को 5 बजकर 37 मिनट पर होगा। चलिए पहले जानते हैं क्या है भद्रावास योग?
भद्रावास योग का निर्माण तब होता है जब भद्रा पाताल लोक में रहती है। उस दौरान का समय बेहद शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि भद्रा के पाताल लोक में होने से धरती पर रह रहे लोगों का शुभ समय शुरू हो जाता है और जातकों के जीवन में सुख समृद्धि में वृद्धि होने के साथ-साथ उनके जीवन का कल्याण भी होता है।
विद्या और बल दिलवाने में मददगार साबित होंगे। 
इस बार सिर्फ ये योग ही नहीं बन रहे बल्कि दो खास नक्षत्र भी लग रहे हैं जो जातकों को विद्या और बल दिलवाने में मददगार साबित होंगे। जी हां, इस दिन चित्रा नक्षत्र और स्वाति नक्षत्र लग रहा है। चित्रा नक्षत्र 27 नक्षत्रों में से 14 वें स्थान पर है वहीं स्वाति नक्षत्र का संबंध सीधा मां सरस्वति से है जो विद्या और बल के क्षेत्र में उन्नति प्रदान करता है। ऐसे में इस साल जो भी जातक सच्चे मन से भगवान गणेश की पूजा अर्चना करेगा उसकी हर मनोकामना पूर्ण होने वाली है।
गणेश चतुर्थी के दिन यदि चंद्रमा के दर्शन भूलकर भी नहीं करने चाहिए। ऐसा करना बहुत ही अशुभ संकेत माना जाता है। इस जिन यदि कोई चंद्रमा के दर्शन कर लेता है तो उसे अपने जीवन में कई सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। मिथ्या दोष लगने पर आपके जीवन में कई सारी दिक्कतें आने लगती हैं। साथ ही इस दिन चंद्रमा के दर्शन करने से आप पर कोई कलंक, झूठा आरोप आदि लग सकता है।

ज्योतिष गुरू पंडित अतुल शास्त्री 
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