आज का पञ्चाङ्ग (रविवार, ११ अगस्त २०२४) | #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
श्री हरिहरो विजयतेतराम
सुप्रभातम
आज का पञ्चाङ्ग
रविवार, ११ अगस्त २०२४
सूर्योदय: ०५:५२
सूर्यास्त: ०७:००
चन्द्रोदय: ११:३४
चन्द्रास्त: २२:३७
अयन दक्षिणायणे (उत्तरगोलीय)
ऋतु: वर्षा
शक सम्वत: १९४६ (क्रोधी)
विक्रम सम्वत: २०८१ (काल)
मास श्रावण
पक्ष शुक्ल
तिथि षष्ठी (०५:४४ से सप्तमी)
नक्षत्र चित्रा (०५:४९ से स्वाती)
योग शुभ (१५:४९ से शुक्ल)
प्रथम करण तैतिल (०५:४४ तक)
द्वितीय करण गर (१८:५३ तक)
- ॥ गोचर ग्रहा: ॥
सूर्य 🌟 कर्क
चंद्र 🌟 तुला
मंगल 🌟 वृष (उदित, पूर्व, मार्गी)
बुध 🌟 सिंह (अस्त, पश्चिम, वक्री)
गुरु 🌟 वृष (अस्त, पश्चिम, मार्गी)
शुक्र 🌟 सिंह (अस्त, पूर्व, मार्गी)
शनि 🌟 कुम्भ (उदित, पूर्व, वक्री)
राहु 🌟 मीन
केतु 🌟 कन्या
- शुभाशुभ मुहूर्त विचार
अभिजित मुहूर्त 👉 ११:५५ से १२:४८
अमृत काल 👉 २२:४५ से २४:३२
द्विपुष्कर योग 👉 ०५:४४ से ०५:४९
रवि योग 👉 ०५:४२ से ०५:४९
विजय मुहूर्त 👉 १४:३५ से १५:२८
गोधूलि मुहूर्त 👉 १९:०२ से १९:२३
सायाह्न सन्ध्या 👉 १९:०२ से २०:०६
निशिता मुहूर्त 👉 २४:०१ से २४:४३
राहुकाल 👉 १७:२२ से १९:०२
राहुवास 👉 उत्तर
यमगण्ड 👉 १२:२२ से १४:०२
दुर्मुहूर्त 👉 १७:१५ से १८:०८
होमाहुति 👉 बुध (०५:४९ से शुक्र)
दिशाशूल 👉 पश्चिम
अग्निवास 👉 पृथ्वी (०५:४४ तक)
चन्द्रवास 👉 पश्चिम
शिववास 👉 नन्दी पर (०५:४४ से भोजन में)
- ☄चौघड़िया विचार☄
॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ - उद्वेग २ - चर
३ - लाभ ४ - अमृत
५ - काल ६ - शुभ
७ - रोग ८ - उद्वेग
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ - शुभ २ - अमृत
३ - चर ४ - रोग
५ - काल ६ - लाभ
७ - उद्वेग ८ - शुभ
नोट👉 दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
- शुभ यात्रा दिशा
पश्चिम-दक्षिण (पान का सेवन कर यात्रा करें)
- तिथि विशेष
शीतला सप्तमी (सिंध), बुध पश्चिम में अस्त १८:०५ पर, गोस्वामी तुलसीदास जयन्ती, विवाहादि मुहूर्त (हिमाचल, जम्मू-कश्मीर, पंजाब हरियाणा आदि प्रांतों के लिये) सिंह-कन्या (प्रातः ०६:०२ से १०:०५), वृश्चिक कर्क ल० (दोपहर ०२:५० से अंतरात्रि ०५:४७), व्यवसाय आरम्भ मुहूर्त+देवप्रतिष्ठा मुहूर्त प्रातः ०७:३५ से दोपहर १२:३२ तक आदि।
आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
- आज ०५:४९ तक जन्मे शिशुओ का नाम
चित्रा नक्षत्र के चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (री) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम स्वाती नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (रू, रे, रो, ता) नामाक्षर से रखना शास्त्र सम्मत है।
- उदय-लग्न मुहूर्त
कर्क - २७:४९ से ०६:१०
सिंह - ०६:१० से ०८:२९
कन्या - ०८:२९ से १०:४७
तुला - १०:४७ से १३:०८
वृश्चिक - १३:०८ से १५:२७
धनु - १५:२७ से १७:३१
मकर - १७:३१ से १९:१२
कुम्भ - १९:१२ से २०:३८
मीन - २०:३८ से २२:०१
मेष - २२:०१ से २३:३५
वृषभ - २३:३५ से २५:३०+
मिथुन - २५:३०+ से २७:४५+
- पञ्चक रहित मुहूर्त
शुभ मुहूर्त - ०५:४२ से ०५:४४
रोग पञ्चक - ०५:४४ से ०५:४९
शुभ मुहूर्त - ०५:४९ से ०६:१०
मृत्यु पञ्चक - ०६:१० से ०८:२९
अग्नि पञ्चक - ०८:२९ से १०:४७
शुभ मुहूर्त - १०:४७ से १३:०८
रज पञ्चक - १३:०८ से १५:२७
शुभ मुहूर्त - १५:२७ से १७:३१
चोर पञ्चक - १७:३१ से १९:१२
शुभ मुहूर्त - १९:१२ से २०:३८
रोग पञ्चक - २०:३८ से २२:०१
चोर पञ्चक - २२:०१ से २३:३५
शुभ मुहूर्त - २३:३५ से २५:३०+
रोग पञ्चक - २५:३०+ से २७:४५+
शुभ मुहूर्त - २७:४५+ से २९:४२+