#Poetry: बदलते सनम | #NayaSaveraNetwork



नया सवेरा नेटवर्क

बदलते सनम 


तुम थे तो थी खुशियां मेरी
तुम थे तो थी दुनिया मेरी
तेरे बाद सनम यादें हैं कई
मेरे बाद सनम तुम किसके हो?

तुम थे तो बस तुम ही तुम थे
तुम थे तो बस हम ही हम थे
तेरे बाद सनम सिकवे हैं कई
मेरे बाद सनम तुम किसके हो?

मेरे बाद सनम यादें है क्या
मेरे बाद मेरी कुछ बातें हैं ?
तेरे बाद सनम अब कुछ भी नही
मेरे बाद सनम तुम किसके हो?

सावन की झड़ी , बादल की ठनक
बिजली की चमक ,चिरियों की चहक
फिर भीनी भीनी आंखें हैं
मेरे बाद सनम तुम किसके हो?

संकल्प मेरा अड़चन मेरी
हैं विकल प्राण कुंठित मेरी
कुंभलाई सी दुनियां मेरी 
मेरे बाद सनम तुम किसके हो?

जिस दिशा गई जिस गली गई
सब ओर तेरी ही बातें हैं 
सब ओर तुम्हारी चर्चा है 
मेरे बाद सनम तुम किसके हो?

जिसके भी रहो ताउम्र रहो
खुश रहो और आवाद रहो
बस मन में एक है प्रश्न अड़ा
मेरे बाद सनम तुम किसके हो ?

स्वरचित -
नेहा झा (समस्तीपुर ,बिहार)

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