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- रुक्मणी कृष्ण विवाह, सुदामा चरित्र पर विशेष सुन्दर झाकी
राकेश सिंह @ नया सवेरा
नवी मुंबई। श्रीमदभागवत कथा के दौरान कथा विश्राम के दिन डा. संजय कृष्ण सलिल जी महराज ने लोगों से कहा कि भरोसा हमारे ठाकुर पर करो लेकिन लोग करते हैं दुनियावालों पर। कथा में रुक्मणी कृष्ण विवाह व भक्त सुदामा चरित्र पर सुन्दर झाँकी प्रस्तुत कर कथा सम्पन्न हुई।
रुक्मणी जी ने कृष्ण के पास पत्र लिखकर भुवन सुन्दर मैं आपसे विवाह करना चाहती हूं का प्रस्ताव भेजा क्योंकि रुक्मणी जी शिशुपाल से विवाह नहीं करना चाहती थी जिसे हमारे प्रभु ने स्वीकार किया। इसके बाद कृष्ण का विवाह सत्यभामा, जामवंती, कालिंदी, मित्र बिंदा, सत्या, भद्रा और लक्ष्मणा से भी हुआ। इसके अलावा 16100 और से विवाह हुआ कुल 16108 रानियों से विवाह कर पीढ़ी आगे बढाई उनके 10 दस पुत्र हुए उनकी भी शादी हुई। उनके भी 10-10 पुत्र उत्पन्न हुए इस तरह उनका बड़ा परिवार था। आगे की कथा में भक्त सुदामा व उनकी पत्नी सुशीला की कथा आती है। सुदामा व कृष्ण बचपन के सखा थे। सुदामा अत्यंत गरीब बाह्मण थे। सुशीला के कहने पर वे कृष्ण के पास गये। भेंट स्वरूप थोडी मुठ्ठी भर चावल कृष्ण के पास सुशीला ने भेजा जिसके बदले कृष्ण ने उनकी गरीबी दूर कर दी। ऐसा मार्मिक दृश्य श्रोताओं को रूला दिया। अंत में कथा विश्राम पर भक्तों को महाप्रसाद वितरित किया गया।