आज का हिन्दू पंचांग (16 अगस्त 2024) | #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
~ आज का हिन्दू पंचांग ~
दिनांक - 16 अगस्त 2024
दिन - शुक्रवार
विक्रम संवत् - 2081
अयन - दक्षिणायन
ऋतु - वर्षा
मास - श्रावण
पक्ष - शुक्ल
तिथि - एकादशी प्रातः 09:39 तक तत्पश्चात द्वादशी
नक्षत्र - मूल दोपहर 12:44 तक तत्पश्चात पूर्वाषाढ़ा
योग - विष्कम्भ दोपहर 01:12 अगस्त 16 तक तत्पश्चात प्रीति
राहु काल - प्रातः 11:07 से दोपहर 12:44 तक
सूर्योदय - 06:16
सूर्यास्त - 07:11
दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:48 से 05:32 तक
अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:18 से दोपहर 01:09
निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:22 अगस्त 17 से रात्रि 01:06 अगस्त 17 तक
व्रत पर्व विवरण - विष्णुपदी संक्रांति (पुण्यकाल दोपहर 12:31 से सूर्यास्त तक), पुत्रदा पवित्रा एकादशी, वरलक्ष्मी व्रत, दामोदर द्वादशी
विशेष - एकादशी को सिम्बी (सेम) व द्वादशी को पूतिका (पोई) खाने से पुत्र का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
एकादशी व्रत के लाभ🔹
एकादशी व्रत के पुण्य के समान और कोई पुण्य नहीं है ।
जो पुण्य सूर्यग्रहण में दान से होता है, उससे कई गुना अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।
जो पुण्य गौ-दान, सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।
एकादशी करनेवालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और अपने परिवारवालों पर प्रसन्नता बरसाते हैं । इसलिए यह व्रत करने वालों के घर में सुख-शांति बनी रहती है ।
धन-धान्य, पुत्रादि की वृद्धि होती है ।
कीर्ति बढ़ती है, श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, जिससे जीवन रसमय बनता है ।
परमात्मा की प्रसन्नता प्राप्त होती है । पूर्वकाल में राजा नहुष, अंबरीष, राजा गाधी आदि जिन्होंने भी एकादशी का व्रत किया, उन्हें इस पृथ्वी का समस्त ऐश्वर्य प्राप्त हुआ । भगवान शिवजी ने नारद से कहा है : एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं, इसमे कोई संदेह नहीं है । एकादशी के दिन किये हुए व्रत, गौ-दान आदि का अनंत गुणा पुण्य होता है ।