#Poetry: मुंशी प्रेमचंद! | #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
मुंशी प्रेमचंद!
मुंशी प्रेमचंद को कभी न भुलाया जाएगा
उन्हें पाठ्यक्रम में हमेशा पढ़ाया जाएगा।
सन अट्ठारह सौ अस्सी, लमहीं में जन्में थे
सज़दा उस भूमि का हमेशा किया जाएगा।
त्याग,तेज और लेखनी के थे वो बहुत धनी
उनके संकल्पों को सदा दोहराया जाएगा।
आजादी के उस यज्ञ में बहुत कुछ होम किए
उन वसूलों का लिबास सदा पहना जाएगा।
गोदान गबन निर्मला सेवासदन प्रेमा प्रतिज्ञा
इन उपन्यासों से बहुत कुछ सीखा जाएगा।
ईदगाह पूस की रात कफन पंचपरमेश्वर
घीसू माधव बुधिया को कौन भुला पाएगा।
बूढ़ी काकी नमक का दरोगा मंत्र गुल्ली डंडा
जब जब कोई पढ़ेगा तरोताजा हो जाएगा।
वसुधैव कुटुंबकम में थी उनकी गहरी आस्था
ऐसा साहित्य-सम्राट सर आँखों रखा जाएगा।
यथार्थ के धरातल पर सदा चलाये वो लेखनी
उनकी लेखनी को सदा सल्यूट किया जाएगा।
खाने और सोने का नाम नहीं है जिंदगी
सोजे वतन को देश कभी ना भुला जाएगा।
रामकेश एम यादव(कवि,साहित्यकार),मुंबई