#Poetry: स्त्री में | #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
स्त्री में
छोड़ देने का
साहस यूँ ही नहीं आता
मस्तिष्क
अस्वीकार करता है
हजार बार
नपे-तुले मानकों के निर्देश को
स्त्री में
विरोध दर्ज करने की
हिम्मत यूँ ही नहीं आती है
सहनशक्ति जवाब दे चुकी होती है
घुटन और ऊब से थक चुका होता है मन
परिणाम
जानती है भली-भाँति
यातना का रूप विस्तार लेगा
भौहें तनेंगी सब की
और
इसी जद्दोजहद के बीच
जन्म ले लेती है
छोड़ देने की इच्छाशक्ति
- वंदना, अहमदाबाद