#Poetry: मैं साधना उसकी करूॅं, जो साधता संसार है | #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
मैं साधना उसकी करूॅं, जो साधता संसार है,
मैं अर्चना उसकी करूॅं ,जो जगत का आधार है,
मस्तक पे जिनके इंदु है, लटों में गंगा धार है,
मैं वंदना उसकी करूॅं ,जो काल का भी काल है,
अनामिका तिवारी "अन्नपूर्णा" ✍️✍️