#Poetry: बाबागीरी मा बा मजा सबसे ज्यादा पिया | #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
बाबागीरी मा बा मजा सबसे ज्यादा पिया
का अहइ इरादा पिया न।
मंत्री, गुंडा, चोपदार,
सब ही करइं जय-जयकार,
बाबा से भी बड़ा जग में नाहीं दादा पिया
का अहइ इरादा पिया न।
कहेन जग से,"करा योग",
खुद करइ लगेन उद्योग,
आंखि दबावत हौं,नर हो चाहे मादा पिया
का अहइ इरादा पिया न।
देत हउवें कइसन धोखा,
खाइ ल्या चटनी अउ समोसा,
किरपा बरसावइ क करत हउवें वादा पिया
का अहइ इरादा पिया न।
केउ क गुफा बा निराली,
रोज मनत बा दिवाली,
जेल से पैरोल,मिलत बा जियादा पिया
का अहइ इरादा पिया न।
का बताई हम कहानी,
अस्सी साल में जवानी,
बापू बनि के तोरि दिहलेन मर्यादा पिया
का अहइ इरादा पिया न।
लइके हाथ मा तिरशूल,
जाइं गोंदिया म झूल,
फूटि-फूटि रोवइं,देखि कृष्ण-राधा पिया
का अहइ इरादा पिया न।
भोले बाबा कइ कहानी,
रोवइं अपने औघड़ दानी,
खुद क कहत हउवें काशी अउर काबा पिया
का अहइ इरादा पिया न।
मनई भइल बाटइ अंधा,
सबसे जोरदार धंधा,
माल खूब,काम सबसे सीधा-सादा पिया
का अहइ इरादा पिया न।
सुरेश मिश्र