नया सवेरा नेटवर्क
लाखों में एक हमार भौजी
मेरी खोज ख़बर लेनेवाली,
तुझे मेरा सलाम।
मुझे ढूंँढनेवाली,तुझे मेरा पैगाम,
तू जहांँ रहे, रहे तू आबाद,
तेरी निगाहें मुझे ढूंँढती हैं,
तेरा दिल मुझे चाहता है,
लाखों हैं यहांँ,
पर, तेरे जैसा कोई नहीं,
कहने को है सब,
तेरे जैसी बड़ी दिलवाली नहीं ,
मुझको समझनेवाली,
तुझको मेरा असीम प्यार,
मेरा तेरा रिश्ता हो जनमों जनम का,
तोड़े से भी ना टूटे,
कोशिश कर ले ए-जमाना ,
तुझको आता है मुझको मानना,
मैं मन की बात तुझसे कहूंँ,
मेरा ख्याल रखनेवाली तुझको,
चेतना प्रकाश का नमन,
ख़ुशनसीब हूंँ मैं,
मिला जो तेरा साथ,
समय समय पर हर रूपों में रिश्ता निभाया,
मेरी जिंदगी में आने के लिए
तेरा दिल से आभार,
समझती है तू मेरे जज्बात,
तुझे याद करते करते गीत गुनगुनाने लगी
लक्ष्मी की सूरत ममता की मूरत
लाखों में एक हमार भौजी
(मौलिक रचना)
चेतना प्रकाश चितेरी
प्रयागराज, उत्तर प्रदेश।
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