अंकित जायसवाल @ नया सवेरा नेटवर्क
उत्तर प्रदेश में भाजपा की करारी हार का कोई और कारण नहीं बल्कि यूपी की जनता का लालच में आना था। यूपी की महिलाएं, ओबीसी, पिछड़ा, एससी, एसटी जाति के मतदाताओं ने गैर भाजपा दलों को इसीलिए वोट देकर जीता दिया ताकि उनके खाते में एक लाख रुपए आ जाए।
इसका उदाहरण भी सामने आ चुका है कि कांग्रेस कार्यालय पर पैसा लेने के लिए कैसे महिलाओं की भीड़ उमड़ पड़ी। यह पहला ऐसा मौका था जब जनता को किसी दल के नेताओं के वादे में इतना विश्वास हो गया कि वह अपना पैसा लेने उनके दफ्तर उनके बताए तारीख को पहुंच गईं। यही वजह थी कि भाजपा को यूपी में करारी हार का स्वाद चखना पड़ा।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपनी हर रैलियों में उत्तर प्रदेश की जनता से वादा किया था कि जैसे ही इंडिया गठबंधन की सरकार बनेगी महिलाओं के खाते में खटाखट, खटाखट एक लाख रुपए भेज दिए जाएंगे। 4 जून को जब नतीजे आ गए तो 5 जून को महिलाएं कांग्रेस के दफ्तरों पर पहुंच गईं और वो फॉर्म मांगने लगी जिसे भरकर वो अपने खाते में खटाखट, खटाखट पैसे ले सके।
- राजस्थान, मध्यप्रदेश में भाजपा का अच्छा प्रदर्शन क्यों?
सवाल यह उठता है कि आखिर कांग्रेस ने देश की महिलाओं के सामने एक लाख रुपए का लालच रखा था तो आखिर इसका असर सिर्फ यूपी में ही क्यों हुआ? इसका जवाब है कि यूपी में कई वर्षों से कांग्रेस की सरकार नहीं है, इसीलिए जनता को लगा कि हमने तो योगी-मोदी को तो दो-दो बार मौके दिए हैं एक बार अगर कांग्रेस को भी मौका दिया जाए तो हमारे खाते में एक लाख रुपए आ जाएंगे। यही सोचकर यूपी की महिलाओं ने खटाखट, खटाखट हाथ का पंजा और साइकिल का बटन दबा दिया। अब जब सरकार नहीं बनी तो कांग्रेस या सपा क्या करे? वो अब जनता को मुंह दिखाने लायक नहीं रहे। बात राजस्थान और मध्यप्रदेश की करें तो यहां पर भी कांग्रेस ने कई वादे किए थे, लेकिन सरकार बनी और गिर भी गई, लेकिन वे वादे पूरे नहीं हुए। यही वजह थी कि यहां पर कांग्रेस की दाल नहीं गली।
- सपा-कांग्रेस के गठबंधन से जातियों में बंट गए मतदाता
सपा कांग्रेस के गठबंधन की वजह से सपा का अच्छा प्रदर्शन हुआ। सपा ने मजबूती से लड़ाई लड़ी और हर सीट पर चुन-चुनकर प्रत्याशी उतारे जिसका जवाब भाजपा के पास नहीं था। हर सीट पर कांटे की टक्कर हुई तो कुछ सीट पर हार-जीत का अंतर ज्यादा रहा। सपा के प्रत्याशी ने जातिगत आधार पर वोट लेकर संसद पहुंचे हैं। वही हाल कांग्रेस का भी है। फिलहाल अब जो हुआ सो हुआ लेकिन अब यूपी की महिलाओं को खटाखट, खटाखट पैसे तो नहीं मिले, अब राहुल गांधी उनसे किस मुंह से वोट मांगने जाएंगे? लालच में आकर महिलाओं ने वोट तो दे दिया लेकिन उनके हाथ कुछ नहीं लगा। अभी अगर फिर से चुनाव करा दिए जाएं तो निश्चित रूप से ऐसा लालच देने वालों की हार ही होगी।