नया सवेरा नेटवर्क
बिक मत जाना,अबकी बिजली पानी पर
लोग हंसेंगे फिर से बाबू,
तुम सबकी नादानी पर
संभल के रहना,बिक मत जाना,
अबकी बिजली पानी पर।
दिल्ली में भी बिजली पानी पर नादानी कर बैठे
हुए एकजुट वो,हम खुद को पानी पानी कर बैठे
मिला साथ सत्ता का उनको,वो मनमानी कर बैठे
गंगा जमुनी के चक्कर में हम कुर्बानी कर बैठे
खून नहीं खौला क्या अब भी,
दंगों की कुर्बानी पर।
संभल के रहना,बिक मत जाना,
अबकी बिजली पानी पर।
याद करो बंगाल जहां हम खुद बंटकरके हारे थे
वो सौ प्रतिशत दीदी संग थे हम सबमें बंटवारे थे
जिता गए सब बंग्लादेशी अल्लाहू के नारे से
जीत गई दीदी तो हमको चुन-चुनकर संहारे थे
कोई सेकुलर मुंह ना खोला,
इन सबकी शैतानी पर ।
संभल के रहना,बिक मत जाना,
अबकी बिजली पानी पर।
सुन लो जाटों वही मुजफ्फरनगर जहां हम रोए थे
अपने कितने घर आंगन, भाई-बेटों को खोए थे
कैराना को भूल गए क्या जहां बेंचकर भागे थे
किसने किसने साथ दिया था, किस-किस ने बिष बोए थे
क्या विश्वास करोगे ताऊ,
ऐसे अफजल बानी पर ।
संभल के रहना,बिक मत जाना,
अबकी बिजली पानी पर।
भला अयोध्या में क्या इनके रहते मंदिर बन पाता
काशी विश्वनाथ का कारीडोर कभी क्या मुस्काता
मथुरा में भगवान कृष्ण पर कोई कदम उठाता क्या
दस सालों में इतने मेडिकल कालेज वो बनवाता क्या
थूकेगा इतिहास हमेशा ,ऐसी सुप्त जवानी पर।
संभल के रहना,बिक मत जाना,
अबकी बिजली पानी पर।
जागे नहीं अभी तो पाकिस्तान बहुत मुसकाएगा
खालिस्तान हंसेगा, आजम खान पुनः गरियाएगा
बंग्लादेशी डांस करेंगे बाबर मौज मनाएंगे
सच्चा हिंदुस्तानी हर देशभक्त पछताएगा
भारत माता फिर सिसकेंगी,
हम जैसे अज्ञानी पर
संभल के रहना,बिक मत जाना,
अबकी बिजली पानी पर।
भ्रष्टाचारी एक हुए हैं,उनको सबक सिखाना है
सत्य सनातन को गरियाए,उनको भी समझाना है
कर्नाटक में भूल हुई जो उसे नहीं दोहराना है
अबकी बार समूचे भारत में भगवा लहराना है
लाए हैं जो प्रभू राम को, उनकी सत्ता लानी है
संभल के रहना,बिक मत जाना,
अबकी बिजली पानी पर।
सुरेश मिश्र
9869141831
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