बूथों पर शह-मात को लेकर अटकलों-दावों व कयासों का रहा बोलबाला
शहर की अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्र के मतदाताओं में दिखा अधिक उत्साह
बूथों पर पहुंच सियासी शूरमा भी अपनी स्थिति का करते रहे आंकलन
इजहार हुसैन
नया सवेरा नेटवर्क
जौनपुर। लोकसभा के चुनावी महासमर के छठवें चरण में शनिवार को जौनपुर व मछलीशहर (सुरक्षित) लोकसभा क्षेत्र में हुए मतदान के दौरान भाजपा व सपा के बीच कांटे की सीधी टक्कर दिखी। बसपा का प्रदर्शन इन दोनों सीटों पर फिलहाल लचर ही दिखलाई पड़ा। लोग इस बात की चर्चा भी बूथों पर करते नजर आए। खेतासराय, मानी गुरैनी आदि बूथों को देखकर लगा कि मतदान के दौरान शहरी क्षेत्रों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्र के मतदाताओं में अधिक उत्साह है। अधिकतर बूथों पर मतदान शुरू होने के पहले ही मतदाताओं की कतार लग गई थीं। दिन चढ़ने के साथ ही चिलचिलाती धूप होने के कारण पहले मतदान फिर जलपान के सूत्रवाक्य को आत्मसात करने पर लोगों का जोर दिखा। मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में भी मतदान को लेकर अधिक उत्साह व जल्दबाजी दिखी। बूथों पर पहुंचे मतदाता अपने मतदान के साथ अन्य जगहों की स्थिति जानने को हलकान दिखे।
मछलीशहर लोकसभा के जफराबाद विधानसभा क्षेत्र स्थित कबूलपुर बूथ पर मतदान का जायजा लेने पहुंचने पर वहां मतदानकर्मी समय से माकपोल आदि की औपचारिकता पूरी करने के बाद ठीक 7 बजे मतदान कराने को बिल्कुल तैयार नजर आए। वहां ज्ञानेश श्रीवास्तव व रियाज खान मतदान करने पहुंचे ही थे कि देखते ही देखते महिलाओं की कतार लगनी शुरू हो गई। वोट देकर बूथ से बाहर निकलीं इका देवी हालांकि निरक्षर थीं लेकिन मतदान के महत्व को लेकर उनकी सोच काबिलेतारीफ रही। उन्होंने बिना लागलपेट के कहा... जब वोटवै न देब त अपने मन क सरकार कइसे बनाइब। हालांकि उन्होंने किसे वोट दिया? इस पर यह तो नहीं बताया, लेकिन अपने एक वोट की कीमत तो जता ही दिया।
यहां धूप चढ़ने के साथ मतदान की गति तो धीमी हो गई, लेकिन दोपहर होते-होते एक तिहाई मत पड़ चुके थे। हमारे प्रतिनिधि ने जौनपुर व मछलीशहर लोकसभा के कुछ बूथों का जायजा लेते हुए संभावित स्थिति की पड़ताल की तो अधिकतर बूथों पर भाजपा व सपा प्रत्याशी के बीच रोमांचक मुकाबले की तस्वीर सामने आई। अनुसूचित जाति के मतदाताओं में चुनाव को लेकर पहले की तरह जोश व उत्साह नहीं नजर आया। सियासत के जानकारों के अनुमान के मुताबिक इन दोनों सीटों पर सपा अपने पक्ष में अल्पसंख्यक मतदाताओं के ध्रुवीकरण में कामयाब होते दिखाई दी तो अधिकतर मौर्य मतदाता भी उसके पक्ष लामबंद दिखे। जौनपुर सीट पर बसपा प्रत्याशी मौजूदा सांसद श्याम सिंह यादव ने स्वजातीय मतों में सेंधमारी का प्रयास तो किया, लेकिन उन्हें अपेक्षित कामयाबी मिलती नहीं दिखी। भाजपा प्रत्याशी पार्टी के परंपरागत मतदाताओं, सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों के एक हिस्से व अन्य पिछड़े वर्ग के मतदाताओं के बूते खुद की स्थिति मजबूत होने का दावा कर रहे हैं। हालांकि सभी प्रत्याशी व उनके खासमखास बूथों का जायजा लेते हुए अपनी वास्तविक स्थिति का भी आकलने करने को बेचैन नजर आए। फिलहाल शाम ढलने के साथ ही मतदान तो समाप्त हो गया, लेकिन अभी कोई पक्ष खुद को किसी कीमत पर उन्नीस मानने को तैयार नहीं है।