#JaunpurNews : निःस्वार्थ भाव से जीवन जीने की सिखाई कला | #NayaSaveraNetwork
बाबा हरदेव सिंह जी को समर्पित समर्पण दिवस
नया सवेरा नेटवर्क
जौनपुर। जब हम हर पल में इस निरंकार प्रभु के प्रति पूर्ण समर्पित भाव से अपना जीवन जीते चले जाते हैं तब वास्तविक रूप में मानवता के कल्याणार्थ हमारा जीवन समर्पित हो जाता है। ऐसा ही प्रेमा-भक्ति से युक्त जीवन बाबा हरदेव सिंह जी ने हमें स्वयं जीकर दिखाया। उक्त उद्गार मड़ियाहूं पड़ाव स्थित संत निरंकारी सत्संग भवन के प्रांगण में समर्पण दिवस के अवसर पर सद्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के पावन संदेशों को बताते हुए श्री राधेश्याम जी (ज्ञान प्रचारक) ने कहा, जिसमें जनपद के अनेकों ब्रांचो पर सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु भक्तों ने सम्मिलित होकर उनके परोपकारों को न केवल स्मरण किया अपितु हृदयपूर्वक श्रद्धा सुमन अर्पित किये। इसके अतिरिक्त यह दिवस विश्वभर में भी आयोजित किया गया जहां सभी भक्तों ने बाबा जी के आदर्शों का स्मरण करते हुए उनके विशाल जीवन को नमन किया। इसी क्रम में सद्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एवं निरंकारी राजपिता जी के सान्निध्य में संत निरंकारी आध्यात्मिक स्थल, समालखा (हरियाणा) में भी हुआ।
सतगुरु माता ने बताया कि बाबा जी ने स्वयं प्यार की सजीव मूरत बनकर नि:स्वार्थ भाव से हमें जीवन जीने की कला सिखाई। जब परमात्मा से हमें सच्चा प्रेम हो जाता है तब इस मायावी संसार के लाभ और हानि हम पर प्रभाव नहीं डाल पाते क्योंकि तब ईश्वर का प्रेम और रज़ा ही सर्वोपरि बन जाते हैं। इसके विपरीत जब हम स्वयं को परमात्मा से न जोड़कर केवल इन भौतिक वस्तुओं से जोड़ लेते हैं तब क्षणभंगुर सुख-सुविधाओ के प्रति ही हमारा ध्यान केंद्रित रहता है। जिस कारण हम इसके मोह में फंसकर वास्तविक आनंद की अनुभूति से प्रायः वंचित रह जाते हैं। सच्चा आनंद केवल इस प्रभु परमात्मा से जुड़कर उसकी निरंतर स्तुति करने में है, जो संतों के जीवन से निरंतर प्रेरणा लेकर प्राप्त किया जा सकता है। इस समागम में मिशन के अनेक वक्तागणों ने बाबा जी के प्रेम, करूणा, दया एवं समर्पण जैसे दिव्य गुणों को विचार गीत एवं भजनों द्वारा व्यक्त किया।
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