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डॉ. ममता सिंह |
नया सवेरा नेटवर्क
दुनिया में किसी भी तरह का प्यार माता-पिता द्वारा किये गए प्रेम की बराबरी नहीं कर सकता। माँ, अपने बच्चे की सबसे अच्छी प्रशिक्षक और मार्गदर्शिका होती है। माँ का प्यार दुनिया का सबसे पवित्र और अनमोल प्यार होता है। इस शब्द में ही एक अद्भुत शक्ति है अर्थात माँ अपने में ही एक संपूर्ण शब्द है। माँ शब्द का अर्थ केवल एक स्त्री से नहीं है बल्कि माँ स्नेह, ममता, त्याग और करुणा का प्रतीक है।
माँ सिर्फ एक शब्द नहीं, वो एक एहसास है। इस संसार में माँ से ज्यादा बच्चे को कोई प्यार नहीं कर सकता है। बच्चों के लिए माँ वो है जो उनके दिल के सबसे करीब होती है। माँ और बच्चे का एक अनोखा रिश्ता होता है, जो कि माँ की गर्भ से ही गहरा हो जाता है। गर्भ से जन्म लेने तक और उसके बाद भी माँ बच्चे का संसार होती है।
एक माँ न केवल एक बच्चे को जन्म देती है बल्कि उससे प्यार करने, उसकी देखभाल करने और बिना किसी पूर्वापेक्षा या शर्तों के समर्पण और प्यार दिखाने के लिए आजीवन प्रतिबद्धता रखती है। बच्चा छोटा हो या बड़ा, माँ अपने हर बच्चे का एक समान खयाल रखती है और बच्चे को भी जिंदगी के हर पड़ाव में माँ की जरूरत होती है। माँ और बच्चे का रिश्ता हमेशा से अनोखा रहा है।
अगर बच्चे को तकलीफ होती है तो माँ को उस दर्द का अहसास होता है। आप चाहे कितने ही बड़े क्यों न हो जाएं माँ आप के लिए हमेशा वैसे ही रहती है। प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में माँ की महत्वपूर्ण भूमिका होती है क्योंकि वह एक रक्षक, एक मित्र और साथ ही एक अनुशासक की भूमिका निभाती है। माँ अपने बच्चों के लिए अपना सब कुछ त्याग दे देती है। वो अपनी खुशियों, अपनी इच्छाओं को भूलकर बच्चों की खुशी और भलाई के लिए जीती है।
आज बदलते वक्त के साथ आधुनिक माँ के लिए चुनौतियां और भी बढ़ गई, जहां उसे अपना घर, बच्चे, परिवार संभालने के साथ -साथ ऑफिस भी जाना होता है। वास्तव में एक माँ ही है जो हर चुनौतियों को पार करते हुए भी अपने बच्चे की देखरेख करती है। माँ के प्यार को समझना मुश्किल है क्योंकि एक माँ ही है जो निःस्वार्थ होकर अपने बच्चे को प्यार देती हैं और एक अच्छा इंसान बनाने का प्रयास करती है, यही वजह है कि ईश्वर के बाद माँ का स्थान सबसे बड़ा माना गया है। माँ के सम्मान के लिये मदर्स डे के शुभ अवसर पर मैं सभी माँ को शुभकामनाएं देती हूँ।
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