प्रयागराज। वासंतिक नवरात्र के चौथे दिन शुक्रवार को मां दुर्गा के कूष्मांडा स्वरूप का दर्शन-पूजन किया गया। कूष्मांडा देवी भक्तों के जीवन से जुड़े सभी कष्ट दूर कर देती हैं। मंदिरों में भोर से भक्त दर्शन पूजन के लिए पहुंचने लगे। महाआरती के समय मंदिरों में देवी की जय-जयकार होती रही। सिद्धपीठ कल्याणी देवी में भक्तों ने मां को पुष्प, दीप, फल, नैवेद्य अर्पित कर मंगल कामना की।
मंदिर में आचार्यों के सानिध्य में पूजन-अर्चन, अनुष्ठान किया गया। पं. सुशील पाठक के आचार्यत्व में कूष्मांडा देवी का आकर्षक शृंगार किया गया। मीरापुर स्थित सिद्धपीठ ललिता देवी में मंगला आरती के बाद पूजन-अर्चन शुरू हो गया।
आचार्यों के सानिध्य में देवी का रजत आभूषणों और बहुरंगी पुष्पों से शृंगार किया गया। इस अवसर पर महिलाओं ने संगीतमय देवी गीत और भजन की प्रस्तुति की। मंदिर समिति के अध्यक्ष हरिमोहन वर्मा ने बताया कि देवी कूष्मांडा अपने भक्तों को रोग, शोक से मुक्त करके बल-बुद्धि प्रदान करती हैं। सिद्धपीठ अलोपशंकरी देवी में श्रद्धालुओं ने मंदिर में मूर्तियों के समक्ष दीप प्रज्जवलित करके सुख-समृद्धि की कामना की।
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