#Poetry : ज़िंदगी अच्छी लगेगी | #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
ज़िंदगी अच्छी लगेगी
सीख जाओगे अभावों को, कमी अच्छी लगेगी
एक दिन सच में तुम्हें, ये ज़िंदगी अच्छी लगेगी
छल कपट से दूर जो विश्वास का रिश्ता बचेगा
प्यार भी अच्छा लगेगा दोस्ती अच्छी लगेगी
ये उदासी ये अकेलापन ये पढ़ना रात तक
धैर्य से समझो परीक्षा की घड़ी अच्छी लगेगी
भीड़ सड़कें शोर नारे हार्न से जब ऊब हो
बैठ कर देखो बगीचे में कली अच्छी लगेगी
दुनिया के सब ताम-झामों से अगर भर जाये मन
अश्विनी को देख लेना सादगी अच्छी लगेगी
वंदना
रिसर्च स्कॉलर गुजरात यूनिवर्सिटी, अहमदाबाद।
![]() |
Ad |
![]() |
Ad |
![]() |
Ad |