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तेरे चरणों में आया हनुमान
तेरे चरणों में आया हनुमान,
मेरी तू बिगड़ी बना दे। (2)
चीर के सीना तुम्हें कैसे दिखाऊँ,
टूटी है कश्ती बता कैसे आऊँ।
कर दे तू रहिया आसान,
मेरी तू बिगड़ी बना दे।
तेरे चरणों में आया हनुमान,
मेरी तू बिगड़ी बना दे।
रातों ही रात तू संजीवनी लाए,
लक्ष्मण जी का तूहीं प्राण बचाए।
कौन दुनिया में तुमसे बलवान,
मेरी तू बिगड़ी बना दे।
तेरे चरणों में आया हनुमान,
मेरी तू बिगड़ी बना दे।
मेरे गुनाहों पे पर्दा तू डालो,
आकर प्रभु मेरी लाज बचा लो।
तेरे आने से होगा कल्याण,
मेरी तू बिगड़ी बना दे।
तेरे चरणों में आया हनुमान,
मेरी तू बिगड़ी बना दे।
रामकेश एम. यादव, मुंबई
(रॉयल्टी प्राप्त कवि व लेखक )
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