पाली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र | #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
भाजपा का गढ़, कांग्रेस की उम्मीदें कम
मुंबई। राजस्थान की पाली लोकसभा क्षेत्र को भाजपा का गढ़ माना जाता है। हालांकि यहां की जनता बीच-बीच में भाजपा को भी झटका देती रहती है। लेकिन वर्तमान परिस्थितियों एवं दोनों दलों के प्रत्याशियों पर नजर डाले तो कांग्रेस के लिए कोई बहुत उम्मीद दिखाई नहीं दे रही है। यदि इस सीट के चुनावी इतिहास को देखें तो 1952 में अस्तित्व में आई इस लोकसभा सीट पर पहली बार स्वतंत्र उम्मीदवार जनरल अजीत सिंह सांसद बने थे। हालांकि 1957 के चुनाव में कांग्रेस के हरीश चंद्र माथुर और 62 में कांग्रेस के ही जसवंत राज मेहता सांसद चुने गए। फिर 67 के चुनाव में स्वतंत्र पार्टी के एसके टपुरिया और 71 के चुनाव में कांग्रेस के मूलचंद डागा यहां से सांसद बने थे। 77 के चुनाव में पहली बार यह सीट जनता पार्टी की झोली में गई, लेकिन 80 और 84 के चुनाव में यह सीट वापस कांग्रेस के पास आ गई और यहां से मूल चंद डागा सांसद चुने गए थे। फिर 88 के उपचुनाव में कांग्रेस के ही शंकर लाल शर्मा यहां से चुने गए। भाजपा की एंट्री यहां 89 के चुनाव में हुई और गुमनलाल लोधा यहां से सांसद चुने गए। उन्होंने 91 और 96 के चुनाव में भी अपनी जीत कायम रखी। हालांकि 98 के चुनाव में कांग्रेस के मीठा लाल जैन ने यह सीट झटक ली, लेकिन अगले ही साल 99 के चुनाव में यह सीट वापस बीजेपी के खाते में चली गई और पुष्प जैन सांसद बने। 2004 में वह दोबारा जीते, लेकिन 2009 में कांग्रेस के बदरीराम जाखड़ यहां से जीते। वहीं 2014 के बाद 2019 का चुनाव जीतकर पीपी चौधरी लगातार 10 साल से सांसद हैं। पाली संसदीय क्षेत्र में पाली जिले की सोजत, पाली, मारवाड़ जक्शन, बाली, सुमेरपुर तथा जोधपुर जिले की ओसियां, भोपालगढ़ एवं बिलाड़ा विधानसभा क्षेत्र आता है जिनमें चार क्षेत्रों में भाजपा के विधायक है जबकि ओसियां एवं बिलाड़ा में कांग्रेस तथा भोपालगढ़ में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (रालोपा) तथा मारवाड़ जंक्शन में निर्दलीय विधायक जीता है।
परिसीमन से पहले जैन सांसदों का बोलबाला
पाली लोकसभा सीट अंतर्गत 2008 तक आठ विधानसभाओं बाली, देसूरी (एससी), जैतारण, खारची, पाली, रायपुर, सोजत और सुमेरपुर का समावेश था। हालांकि 2009 के लोकसभा चुनाव से पहले हुए परिसीमन में इस क्षेत्र की देसूरी (एससी), जैतारण, खारची और रायपुर को हटाकर मारवाड़ जंक्शन, ओसियान, भोपालगढ़ और बिलाड़ा विधानसभा क्षेत्र जोड़ दिए गए। परिसीमन से पूर्व इस सीट पर जैन समुदाय के ही सांसदों का बोलबाला था। इतना ही दोनों ही पार्टियां यहां से जैन को ही चुनाव लड़ाती रही हैं। परिसीमन के बाद जब इसमें जोधपुर जिले की ओसियां, बिलाड़ा व भोपालगढ़ जो जाट बाहुल्य क्षेत्रों का समावेश हुआ पूरी चुनावी गणित ही बदल गई। उसके बाद 2009 में यहाँ जाट समाज के बद्रीराम जाखड़ तो 2014 एवं 2019 के लोकसभा चुनाव में सीरवी समाज के पीपी चौधरी निर्वाचित हुए।
चौधरी ने पिता-पुत्री को दी मात, अब हैट्रिक की आस
राजस्थान की पाली लोकसभा सीट पर निवर्तमान सांसद पीपी चौधरी बीजेपी के टिकट पर इस बार हैट्रिक लगाने के लिए उतर रहे हैं। 2014 के चुनाव में कांग्रेस ने 2009 तत्कालीन सांसद बद्रीराम जाखड़ की पुत्री मुन्नी देवी गोदारा का चुनावी मैदान में उतारा था। वहीं भाजपा ने 2004 में सांसद तथा 2009 में प्रत्याशी रहे पुष्प जैन की जगह पीपी चौधरी को चुनावी रणक्षेत्र में उतारा था। इस चुनाव में मोदी लहर पर सवार चौधरी ने मुन्नी देवी 3,99,039 वोटों से पराजित किया। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने में पीपी चौधरी पर विश्वास जताया लेकिन कांग्रेस की ओर से मुकाबले में खुद बद्रीराम जाखड़ मैदान में उतरे। हालांकि उन्हें अपनी पुत्री की तुलना लगभग एक लाख वोट ज्यादा मिले, लेकिन हार भी पुत्री की तुलना में 80 हजार से अधिक वोटों से मिली। इस चुनाव में चौधरी ने 900,149 वोट पाकर जाखड़ को 4,81,597 वोटों से पराजित किया था। इस तरह देखें तो जाखड़ को चौधरी के आधे के बराबर भी वोट नहीं मिले थे। यही कारण है कि भाजपा ने पीपी चौधरी को फिर से टिकट दिया है। वहीं चौधरी इस सीट से जीत दर्ज करते हुए हैट्रिक लगाने के प्रयास में हैं।
कांग्रेस ने बदला उम्मीदवार, संगीता को कमान
पिछले तीन लोकसभा चुनावों में जाखड़ परिवार पर विश्वास जताने के बाद कांग्रेस ने इस बार उम्मीदवार बदल दिया है। कांग्रेस ने इस बार यहां से नया चेहरा देते हुए संगीता बेनीवाल को अपना उम्मीदवार बनाया है। जो पूर्ववर्ती गहलोत सरकार में राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की दो बार अध्यक्ष थी। अब उन पर पार्टी ने भरोसा जताया है। पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रही बेनीवाल के लिए पाली में मुकाबला भी कड़ा है। संगीता बेनीवाल जोधपुर देहात महिला कांग्रेस की जिला अध्यक्ष रहने के साथ-साथ संगीता बेनीवाल जोधपुर से पार्षद का चुनाव भी लड़ चुकी हैं।