#JaunpurNews : दो पूर्व मंत्रियों को कड़ा टक्कर दे रहीं जिला पंचायत अध्यक्ष | #NayaSaveraNetwork

  • जौनपुर के लोकसभा चुनाव त्रिकोणीय मुकाबले के आसार
  • श्रीकला के मैदान में आने से बिगड़ गई भाजपा-सपा की गणित

नया सवेरा नेटवर्क

जौनपुर। 73 सदर लोकसभा सीट पर जहां बसपा ने अपनी सीट को बचाने के लिए एकबड़ा दांव खेलते हुए पूर्व सांसद धनंजय सिंह की पत्नी जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीकला धनंजय सिंह को अपना प्रत्याशी बनाने के बाद सियासी भूचाल ला दिया है तो वहीं अब देश की निगाह इस हॉट सीट पर टिकी हुई है, क्योंकि भाजपा ने इस सीट पर महाराष्ट्र सरकार के पूर्व गृह राज्यमंत्री कृपाशंकर सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया है तो समाजवादी पार्टी ने भी बाबू सिंह कुशवाहा को अपना प्रत्याशी बनाकर मुकाबला दिलचस्प बना दिया है। 

  • अपने किले को बचाने में जुटी है बसपा

गौरतलब हो कि 2019 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर बसपा-सपा गठबंधन से बसपा प्रत्याशी श्याम सिंह यादव विजयी हुए थे और अब अपने इस किले को बचाने के लिए बसपा ने जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीकला धनंजय सिंह को हाथी पर सवार कर मैदान में उतार दिया है। 2009 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर धनंजय सिंह बसपा के टिकट पर ही पहली बार सांसद बने थे। ऐसे में 15 साल बाद पुन: इस सीट पर उनके परिवार की निगाहें टिकी हुई हैं। 

  • भाजपा में दिखाई पड़ रही जोश की कमी

भाजपा ने महाराष्ट्र में 40 वर्षों तक कांग्रेस पार्टी का हाथ पकड़ कर चलने वाले पूर्व मंत्री कृपाशंकर सिंह को मैदान में उतार दिया है। हाईकमान द्वारा प्रत्याशी थोपे जाने के स्थानीय नेताओं व कार्यकर्ताओं में जहां जोश की कमी दिखाई पड़ रही है, वहीं पीएम मोदी व सीएम योगी के नाम पर बड़े नेता कार्यकर्ताओं में जोश भरने में जुटे हुए हैं। इसमें सांसद, विधायक, मंत्री सहित बड़े नेता पूरेदमखम के साथ जुटे हुए नजर आ रहे हैं। 

  • सपा ने स्थानीय नेताओं के अरमानों पर फेरा पानी

उधर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी भाजपा की राह पर चलते हुए बांदा जनपद के मूल निवासी बसपा सरकार में कद्दावर मंत्री रहे एनआरएचएम घोटोले के मुख्य आरोपी बाबू सिंह कुशवाहा को टिकट देकर स्थानीय नेताओं के अरमानों पर पानी फेर दिया। 

  • पारसनाथ यादव की जगह लेने लगी थी दिग्गजों में होड़

गौरतलब है कि पूर्व सांसद एवं सपा सरकार में कद्दावर कैबिनेट मंत्री रह चुके स्व. पारसनाथ यादव की जगह लेने के लिए जिले के बड़े नेताओं में होड़ लगी हुई थी, जिनमें पूर्व मंत्री शैलेंद्र यादव ललई, पूर्व विधायक लालबहादुर यादव, ओमप्रकाश बाबा दूबे व लकी यादव अपनी तरकश के सारे तीर चलाकर टिकट की लाइन में लगे हुए थे, लेकिन अखिलेश यादव ने जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में पार्टी की करारी हार को याद करते हुए बाबू सिंह कुशवाहा पर बड़ा दांव लगा दिया। ऐसे में अब मतदाता असमंजस में है कि वो कैसे अपने सांसद का चुनाव करे। 

  • मूल वोट बैंक के सहारे सपा

देखा जाये तो जहां समाजवादी पार्टी अपने मूल वोट बैंक के दम पर चुनाव जीतने का दावा ठोंक रही है तो वहीं भाजपा भी अपने केंद्रीय व प्रदेश नेताओं के नेतृत्व में लोगों को आकर्षित करने में जुटी हुई है, लेकिन इन सबसे अलग जेल में बंद पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने सभी के सियासी समीकरण को फेल करते हुए अपनी पत्नी श्रीकला को बसपा का टिकट दिलाकर बड़ा चक्रव्यूह रच दिया, जिसे भेदना इतना आसान नहीं है जितना कि लोग समझ रहे हैं। 

  • चुनावी मैदान में पूरी मजबूती से बैटिंग कर रही श्रीकला

जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीकला धनंजय ने अपने पति की कमान संभालते हुए चुनाव की रणभूमि में उतरकर सभी दलों के वोट बैंक में सेंध लगाने में जुट गई हैं। इससे अब ये चर्चा होने लगी है कि सपा व भाजपा की राह इस चुनाव में इतनी आसान नहीं है जितनी कि वो समझ रहे हैं। राजनीति के जानकारों से लेकर आम जनता तक बस एक चर्चा हो रही है कि बसपा प्रत्याशी के पति धनंजय सिंह का मल्हनी विधानसभा का करीब 90 हजार व्यक्तिगत वोट और बसपा की परम्परागत मतों के सहारे चुनावी मैदान में पूरी मजबूती से बैटिंग करती नजर आएंगी। उधर कई तमाम लोगों का मानना है जहां बीएसपी प्रत्याशी पति के बदौलत भाजपा के वोट बैंक में सेधमारी करेगी तो वहीं सपा के किले में हाथी दौड़ाती नजर आयेगी। भाजपा और सपा भी अपने वोट बैंक चलते पूरी मजबूती के साथ मैदान में लड़ती नजर आयेगी। फिलहाल मैदान में बाजी कौन मारेगा? यह तो चार जून को मतगणना के बाद पता चल पायेगा। फिलहाल इस सीट पर भाजपा, सपा और बसपा में त्रिकोणी लड़ाई होने का अनुमान है।

सैय्यद हसनैन क़मर 'दीपू'

(लेखक राष्ट्रीय सहारा के ब्यूरो प्रभारी हैं।)




एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ