- धार्मिक नारे, गीत-संगीत लिखकर हुए थे पास, परीक्षक बर्खास्त
नया सवेरा नेटवर्क
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के फार्मेसी विभाग के काफी संख्या में फर्स्ट क्लास नंबर प्राप्त करने वाले छात्र शिकायत के बाद दोबारा मूल्यांकन कराए जाने पर फेल हो जाने का मामला प्रकाश में आया था। आरोप था कि छात्रों से धनउगाही कर गीत संगीत व धार्मिक नारे लिखी उत्तर पुस्तिका पर परीक्षकों ने अत्यधिक अंक दिए थे। छात्र नेताओं ने मामले की शिकायत पीएम, सीएम, राज्यपाल व कुलपति से कर कार्रवाई की मांग किया था। बुधवार को परीक्षा समिति की बैठक में दोनों परीक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया।
पूर्वांचल विश्वविद्यालय के फार्मेसी संस्थान के कुछ शिक्षकों का अजीबोगरीब कारनामा सामने आया था। छात्र नेता दिव्यांशु सिंह ने पीएम, सीएम, राज्यपाल व कुलपति को भेजे गए पत्र में आरोप लगाया था कि विश्वविद्यालय के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से शून्य अंक पाने वाले छात्रों को भी 60 फीसदी से अधिक अंक देकर उन्हें पास कर दिया गया है। शिकायत के बाद दोबारा मूल्यांकन कराया गया तो छात्रों को दिए गए अंक में बड़े पैमाने पर भिन्नता पाई गई है।
छात्र नेता उद्देश्य सिंह के द्वारा विद्यार्थियों की उत्तर पुस्तिका जन सूचना अधिकार के तहत मांगी गई है जिसमें जय श्री राम और हनुमान जी के जयकारे लिखे हुए हैं और उस पर भी बढ़िया अंक प्रदान किए गए हैं। शिकायतकर्ता दिव्यांशु सिंह का आरोप था कि फार्मेसी संस्थान के कुछ शिक्षकों द्वारा रिश्वत लेकर छात्रों को अंक प्रदान किए गए थे जो उत्तर पुस्तिका के दोबारा मूल्यांकन कराए जाने पर सामने आ चुका है। राजभवन द्वारा विश्वविद्यालय की कुलपति को पत्र लिखकर प्रकरण में परीक्षणोंपरांत कार्यवाही करने का निर्देश दिया गया था। शिकायतकर्ताओं का आरोप था कि बिना आदेश के सत्र 2021-22 के डी-फार्मा छात्रों को कई बार मानक के विपरीत बैक व स्पेशल बैक की परीक्षा करा दी गई जबकि परीक्षा नियंत्रक की टिप्पणी में है कि डी-फार्मा में बैक परीक्षा आयोजित कराने का प्रावधान नहीं है।
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