निर्भय सक्सेना
बरेली। जैसा कि पूर्व में ही रामभक्तों को अनुमान था की अयोध्या विश्व की सबसे बड़ी धार्मिक तीर्थ नगरी होगी वह आकलन सही निकला है ।श्री रामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महासचिव चंपत राय ने भी मीडिया के समक्ष कहा कि 22 जनवरी 2024 को भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से अब तक ढाई माह में ही लगभग एक करोड़ सत्तर लाख से अधिक राम भक्तो ने रामलला के दरबार में माथा टेक कर उन्हे प्रणाम किया। चैत्र नवरात्रि में अब राम नवमी 17 अप्रैल की तैयारी में मंदिर को फूलो से सजाने एवम भगवान के प्रकटोत्सव के समय हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा करने की एवम दूरदर्शन एवम अन्य माध्यमों से सीधा प्रसारण भी कराने की तैयारी कर रहा है । चैत्र नवरात्रि में कलश स्थापना के साथ ही रामलला को खादी के वस्त्र आज प्रथम दिन पहनाए गए हैं। स्मरण रहे भगवान रामलला 22 जनवरी 2024 को 500 वर्ष बाद राम मंदिर में विराजमान हुए। उनकी यह भव्य मंदिर में प्रथम रामनवमी है । आजकल भी लाखों की संख्या में श्रद्धालु अयोध्या राम नगरी पहुंच रहे हैं। इस बार राम लला ने अपने भव्य मंदिर में होली भी मनाई थी। बीते ढाई महीने की बात करें तो लगभग एक करोड़ सत्तर लाख से अधिक लोग रामलला का आशीर्वाद ले चुके हैं।
वेटिकन सिटी पर साल भर में करीब 80 से 90 लाख ईसाई लोग आते हैं, जबकि मुसलमानों के पवित्र स्थान मक्का में पिछले साल एक करोड़ 35 लाख हज यात्री पहुंचे थे। अयोध्या के राम मंदिर में तो प्रतिदिन लाखों की संख्या में श्रद्धालू पहुंच रहे हैं। बीते ढाई महीने के अंदर ही लगभग एक करोड़ सत्तर लाख से अधिक लोगों ने भगवान रामलला का दर्शन लाभ पाया जो अभी भी दुनिया वालो की आंखे खोल रहा है। अयोध्या में हवाई सेवा शुरू होने के बाद आज अयोध्या तीर्थ पर्यटन नगरी में सबसे ऊपर आ गया है। अयोध्या में पर्यटन का लगातार विकास हो रहा है। फरवरी के शुरुआती दिनों में राम भक्तों की संख्या चार लाख से ढाई लाख तक थी। वर्तमान में एक से डेढ़ लाख श्रद्धालु प्रतिदिन रामलला का दर्शन कर रहे हैं। अयोध्या में श्रद्धालु के कारण अधिकांश होटल के कमरे भरे हुए हैं। अब कई पंचतारा होटल भी अयोध्या में अपना होटल बनाने की तैयारी में लगे हैं। अयोध्या में विदेशी नागरिक अप्रवासी भारतीयों का भी तीर्थ पर्यटन शुरू हो गया है।
श्री राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र न्यास के कैंप कार्यालय के प्रकाश गुप्ता से फोन पर हुई वार्ता के अनुसार पिछले ढाई माह में लगभग एक करोड़ सत्तर लाख से अधिक राम भक्तों ने रामलला का दर्शन लाभ पाया। प्रकाश गुप्ता जी के अनुसार प्राण प्रतिष्ठा के बाद प्रथम माह में ही राम मंदिर में कई करोड़ रुपए से ज्यादा नकदी, जेबर आदि का दान/चढ़ावा मिला। उन्होंने सोशल मीडिया पर प्राण प्रतिष्ठा के बाद सौ करोड़ दान मिलने की बात को गलत बताया। यह सही ही है की देश के अन्य मंदिरों के चढ़ावे से काफी अधिक राशि राम मंदिर को मिल रही है। भारत जब विश्व गुरु था उसकी राजधानी अयोध्या ही थी। रामनवमी पर अनुमान है कि राम मंदिर में प्रतिदिन राम भक्तों की संख्या 5 से 6 लाख फिर से हो सकती है उसके लिए न्यास व्यस्था कर रहा है। रामनवमी पर रामलला के मुख पर मध्यान्ह में सूर्य की किरणे पड़ेंगी। इसकी वैज्ञानिक तैयारी कर रहे हैं । श्री रामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महासचिव चंपत राय ने कहा कि अयोध्या में आजकल गर्मी बहुत ज्यादा है। ऐसे में अयोध्या में ज्यादा श्रद्धालु आ गए तो उनको समस्या ही। भीड़ पर अंकुश के लिए दर्शन की अवधि भी बढ़ाई जा रही है। परिसर के बाहर अयोध्या में रामभक्तों के लिए कई स्थानों पर स्क्रीन वॉल भी लगाई जाएगी। अयोध्या में 22 जनवरी 2024 से राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से अब तक एक करोड़ सत्तर लाख राम भक्त दर्शन कर चुके हैं। रामनवमी पर अयोध्या में 9 दिन चलने वाले मेले में 50 लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना की जा रही है। श्री रामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महासचिव चंपत राय के अनुसार मंदिर का दूसरा तल इस वर्ष 2024 के अंत तक तथा पूर्ण मंदिर कार्य 2025 में ही हो पायेगा। दूसरे तल मे राम दरबार होगा। मंदिर की अनुमानित लागत 18 सौ करोड़ रुपए होने का अनुमान है।
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