- हड़बड़ाहट में हो रही दुर्घटनाएं, उठी कार्रवाई की मांग
नया सवेरा नेटवर्क
जौनपुर। भारत सरकार द्वारा चिकित्सकीय सुविधा को संचालित करने के लिए एंबुलेंस मिशन चलाया गया है। इस मिशन का कुछ चालकों द्वारा दुरूपयोग किया जा रहा है। दुर्घटनाग्रस्त या मरीज न रहने पर इनके द्वारा सवारी ढोना, अनावश्यक रूप से हूटर का प्रयोग करके शहरी क्षेत्रों में अफरा-तफरी का माहौल पैदा किया जाता है। कई बार दुर्घटना भी हो जाती है। कई जगहों पर इन्हें सवारी भरते भी देखा जा सकता है। पॉलिटेक्निक चौराहा से शाम लगभग 7 बजे बड़ी एंबुलेंस सेवा हूटर बजाते हुए बहुत तेज गति से जा रही थी, जिसको पास देने में कितने बाइक सवार, चार पहिया वाहन आपस में ही लड़ गये। कुछ दुर्घटनाग्रस्त होने से बचे। सरकारी गाइडलाइन है कि अगर एम्बुलेंस को पास नहीं दिया जाता तो कार्रवाई हो जाती है, जिसका फायदा एम्बुलेंस के चालक उठा रहे हैं। अब सवाल उठ रहा है कि ऐसे एम्बुलेंस चालकों पर कार्रवाई कब होगी?
- पॉलिटेक्निक से 7 बजे सदर के लिए गई एम्बुलेंस 8 बजे तक नहीं पहुंची अस्पताल
सूत्रों की मानें तो यह विभागीय नहीं, बल्कि यह टोल टैक्स की गाड़ी है परन्तु उनके द्वारा किए जा रहे कृत्य अनुचित और दंडनीय है। सवाल उठता है कि जो एंबुलेंस सेवा इतनी द्रुत गति से हूटर, सायरन, खतरे की सभी बत्ती जलाये 7 बजे शाम को सदर की तरफ गई लेकिन वह 8 बजे तक न सदर अस्पताल पहुंची और न ही पशु चिकित्सालाय और न ही पार्किंग स्थल पर, आखिर वह कहां गई? आगे चालक संग 3 से 4 अन्य लोग बैठे थे। कुल मिलाकर यह चिकित्सकीय सुविधा सरकार द्वारा चलाई गई मुहिम को नाकाम कर रहे हैं। फिलहाल कुछ एम्बुलेंस चालकों द्वारा किए जा रहे इस कृत्य से लोगों ने प्रशासन से इसके विरूद्ध अभियान चलाकर कार्रवाई की मांग की है।
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