मुख्तार अंसारी को उम्रकैद, जानें किस मामले में हुई सजा | #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
वाराणसी। उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में कैद माफिया मुख्तार अंसारी को उम्रकैद की सजा हो गई है। आर्म्स एक्ट के मामले में उन्हें वाराणसी एमपी एमएलए कोर्ट ने सजा सुनाई है। अंसारी को 36 साल पुराने मामले में दोषी पाया गया था। जिसके बाद आज उनके उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। गौरतलब है कि जून 1987 में गाजीपुर में दोनाली बंदूक का लाइसेंस लेने में जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के फर्जी हस्ताक्षर कर लाइसेंस जारी हुआ था। यह मामला सामने आने के बाद पुलिस ने केस दर्ज किया था। अब इसी मामले में अंसारी को सजा सुनाई गई है।
- मुख्तार के वकील ने दी ‘ये’ दलील
सजा की सुनवाई के दौरान मुख्तार के वकील श्रीनाथ त्रिपाठी ने कई तरह की दलील दी। उन्होंने कहा कि घटना के समय उनकी उम्र महज़ 20 से 22 साल थी। ऐसे में उनका कोई आपराधिक इतिहास नहीं था। वकील ने कहा कि मुख्तार उस समय जनप्रतिनिधि भी नहीं थे, साथ ही उनका शस्त्र खरीदने का साबुत नहीं है। भ्रष्टाचार के आरोप से बरी हो गए हैं, ऐसे में इस अदालत को दोषी पाए गए धाराओं में सजा सुनाए जाने का अधिकार नहीं है। हालांकि, अभियोजन पक्ष की तरफ से यह कहा गया कि प्रभाव का इस्तेमाल किया गया, जो समाज विरोधी अपराध है।
- 7 मामले में मिली सजा, 20 मामले लंबित
जानकारी के लिए बता दें कि माफिया मुख्तार अंसारी को अब तक सात मामलों में सजा हो चुकी है। उन्हें सरकारी कर्मी को धमकाने के मामले में 21 सितंबर 2022 को तीन साल सजा सुनाई गई। उसके बाद हजरतगंज थाने में दर्ज गैंगस्टर एक्ट के मामले में 23 सितंबर 2022 को दो साल कैद की सज़ा, गैंगस्टर एक्ट में 15 दिसंबर 2022 को दस साल की कैद, गैंगस्टर एक्ट में 29 अप्रैल 2023 को दस साल की कैद, आलमबाग थाने में दर्ज जेलर को धमकाने में सात साल की सज़ा और अवधेश राय हत्याकांड में 5 जून 2023 को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है। उसके अलावा रुंगटा परिवार को बम से उड़ने की धमकी देने में 15 दिसंबर 2023 को पांच साल कैद की सजा सुनाई गई थी। अभी 20 मामले और लंबित हैं।