हांगकांग सांसद ने नया कानून पारित किया-सरकार का विरोध करने पर कठोर दंड! | #NayaSaveraNetwork

नया सवेरा नेटवर्क

  • हांगकांग में नया राष्ट्रीय सुरक्षा कानून पारित-सरकार के खिलाफ असहमति जताने पर कठोर दंड! 
  • अंतरराष्ट्रीय मंचों द्वारा मानव अधिकारों और लोकतंत्र का हनन करने में सक्षम,किसी भी कानून का विरोध कर उसे रोकना समय की मांग-एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया 

गोंदिया- वैश्विक स्तरपर जहां एक ओर दुनियां के सबसे पुराने और सबसे बड़े लोकतंत्र अमेरिका और भारत में 2024 में चुनावी महापर्व हो रहा है,अमेरिका में जहां नवंबर 2024 में चुनाव होगा,जिसकी प्रक्रिया शुरू है और जो बाईडेन व डोनाल्ड ट्रंप उम्मीदवार निर्धारित हो गए हैं तो वहीं भारत में चुनाव की अधिसूचना जारी हो चुकी है। 19 अप्रैल से 1 जून 2024 तक सात चरणों में चुनाव होगा और 4 जून 2024 को नतीजे घोषित किए जाएंगे।वहीं हांगकांग में दिनांक 19 मार्च 2024 को देर शाम संसदमें एक अनोखा अद्भुत राष्ट्रीय सुरक्षा कानून पर पारित कर विश्व को चकित कर दिया है,जिसमें सरकार और उसकी नीतियों का विरोध करने असहमती जताने वाले को कड़ा व कठोर दंड का प्रावधान है इसको हम इसी एक बात से समझ सकते हैं कि, जानकारों का कहना है इस कानून का अधिकारों के हनन में गलत तरीके से भी इस्तेमाल हो सकता है,इसे इस उदाहरण से समझा जा सकता है कि 2021 में एक शख्स ने हांगकांग की आजादी का नारा दिया था,इस दौरान मोटरसाइकिल पर झंडा फहराने और आतंकवाद एवं अलगाव के आरोप में उसे दोषी पाया गया था,जिसके बाद उसे करीब 9 साल की कठोर सजा सुनाई गई थी,पेश किए गए कानून में कई प्रकार की चीजों के लिए कठोर दंड का प्रावधान है। इसमें सबसे गंभीर देशद्रोह और विद्रोह के लिए कानून बनाया गया है। नए कानून के तहत देशद्रोही प्रकाशनों और छोटे अपराधों के लिए भी कई वर्षों की जेल हो सकती है। यही नहीं कुछ प्रावधान ऐसे हैं जिसमें दुनियां के किसी कोने में भी किए गए आपराधिक कार्य के लिए मुकदमा चलाने की अनुमति प्रदान की गई है। चूंकि इस कानून से मानव अधिकारों पर कड़ा प्रहार हो सकता है,इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे, अंतरराष्ट्रीय मंचों द्वारा मानव अधिकारों और लोकतंत्र का हनन करने में सक्षम किसी भी कानून का विरोध कर उसे रोकना समय की मांग है।

साथियों बात अगर हम हांगकांग की संसद में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून पारित होने की करें तो,हांगकांग में एक नया कानून अस्तित्व में आ गया है जो सरकार को विपक्षी आवाजों को कुचलने की और अधिक शक्ति प्रदान करता है।नए कानून के तहत देश विरोधी गतिविधियों के लिए आजीवन कारावास की सजा मिल सकती है। हांगकांग के सांसदों ने मंगलवार को जो एक नया नेशनल सिक्योरिटी लॉ पारित किया है, जो सरकार को विरोध में उठने वाली आवाजों को कुचलने की और अधिक शक्ति प्रदान करता है।इसे 2019 में लोकतंत्र समर्थक विरोध प्रदर्शनों के कारण बड़े पैमाने पर हुई राजनीतिक कार्रवाई के हालिया कदम के रूप में देखा जा रहा है।मंगलवारको एक विशेष सत्र के दौरान सेफगार्डिंग नेशनल सिक्योरिटी लॉ पारित हुआ वह 8 मार्च 2024 को लाया गया था। यह चार साल पहले बीजिंग की ओर से लाए गए एक कानून के समान है जिसने विपक्षी आवाजों का काफी हद तक खामोश कर दिया है।हांगकांग की विधान परिषद, जो चुनावी बदलाव के बाद बीजिंग के प्रति वफादारों से भरी हुई है, ने इस प्रक्रिया को तेजी से पूरा किया।हांगकांग के नेता की ओर से कानून को तेजी से आगे बढ़ाने की अपील के बाद एक समिति ने एक हफ्ते तक रोज बैठकें कीं,नए कानून में कई प्रकार की गतिविधियों के लिए कठोर दंड का प्रावधान है जिसे अधिकारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा मानते हैं, इसमें सबसे गंभीर देशद्रोह है जिसके लिए आजीवन कारावास की सजा हो सकती है।राष्ट्र विरोधी साहित्य रखने जैसे अपराधों के लिए भी कई वर्षों की जेल हो सकती है। कुछ प्रावधान दुनियां में कहीं भी किए गए कृत्यों के लिए आपराधिक मुकदमा चलाने की अनुमति देते हैं।हांगकांग की विधान परिषद में चुनावी बदलाव के बाद चीन के प्रति निष्ठा रखने वालों का दबदबा है।आलोचकों ने चिंता जताई है कि नया कानून नागरिक स्वतंत्रता को और कमजोर कर देगा जिसे चीन ने तब 50 वर्षों तक संरक्षित करने का वादा किया था जब 1997 में पूर्व ब्रिटिश उपनिवेश चीनी शासन में वापस आया था।

साथियों बात अगर हम हांगकांग में ऐसा राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लाने में संविधान की भूमिका की करें तो, दरसअल, इसका जिक्र हांगकांग के मिनी संविधान कहे जाने वाले बेसिक लाॅ के आर्टिकल 23 में है। आर्टिकल 23 सरकार को सात अपराधों पर कानून बनाने की ताकत देता है- राजद्रोह, अलगाव, राजद्रोह, केंद्रीय पीपुल्स सरकार के खिलाफ तोड़फोड़, राज्य के रहस्यों की चोरी, विदेशी राजनीतिक संगठनों को क्षेत्र में राजनीतिक गतिविधियों का संचालन करने से रोकना, और राजनीतिक संगठनों को विदेशी राजनीतिक संगठनों या निकायों के साथ संबंध स्थापित करने से प्रतिबंधित करना।हांगकांग का नया नेशनल सिक्योरिटी कानून सरकार के नेशनल सिक्योरिटी कानून में 5 सब्जेक्ट पर बात की गई है-राजद्रोह, राज्य के रहस्यों की चोरी और जासूसी, राष्ट्रीय सुरक्षा और संबंधित गतिविधियों को खतरे में डालने वाली तोड़फोड़, बाहरी हस्तक्षेप और केंद्र सरकार के खिलाफ विद्रोह। मौटे तौर पर नेशनल सिक्योरिटी विधेयक में देशद्रोह, विद्रोह और तोड़फोड़ के लिए आजीवन कारावास, जासूसी के लिए 20 साल और राज्य के रहस्यों और राजद्रोह से जुड़े अपराधों के लिए 10 साल तक की सजा शामिल है। लेकिन एक्सपर्ट्स इस बात को लेकर चिंतित है कि नए कानून में कानून में राज्य के रहस्य और बाहरी हस्तक्षेप जैसे प्रमुख शब्दों की व्यापक और अस्पष्ट परिभाषाएं दी हुई हैं।2020 में भी आया था राष्ट्रीय सुरक्षा कानूनअनुच्छेद 23 से संबंधित कानून का मसौदा 2003 में भी तैयार किया गया था। उसमें हांगकांग सरकार को ऐसे किसी भी संगठन पर प्रतिबंध लगाने की ताकत दी हुई थी, जो राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से चीन में प्रतिबंधित हो।हालांकि, तब लाखों नागरिक कानून के खिलाफ सड़क पर उतर आए और शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के बाद इसे अनुच्छेद 23 के कानून को रोक दिया गया था।एक्सपर्ट्स की राय है कि हांगकांग के नए नेशनल सिक्योरिटी कानून का मानव अधिकारों के हनन करने में गलत इस्तेमाल हो सकता है।बच्चों की एक किताब के लेखक पर ब्रिटिश शासन के समय के राजद्रोह कानून का उल्लंघन करने के लिए 19 महीने जेल की सजा सुनाई गई थी। इन किताबों में भेड़ों के एक गांव की कहानी है, जिसे हमलावर भेड़ियों के एक झुंड के खिलाफ खुद का बचाव करना होता है। सजा का फैसला सुनाते हुए कहा गया कि यह कहानी छात्रों को शहर को मेनलैंड चीन से अलग करने के लिए उकसाती है।

साथियों बात अगर हम हांगकांग में पहले की स्थिति और इतिहास की करें तो,चीन और हांगकांग के संबंधों को समझने के लिए इनका इतिहास समझना जरूरी है।हांगकांग पर 1997 तक पर ब्रिटेन का शासन था। ब्रिटेन से लड़ाई हारने के बाद चीन ने 1898 में 99 सालों के लिए हांगकांग को ग्रेट ब्रिटेन को लीज पर दिया था। लीज की अवधि खत्म होने पर इसे चीन की कम्युनिस्ट सरकार को इस समझौते के साथ वापस सौंप दिया गया कि हांगकांग में एक देश, दो प्रणाली नीति लागू होगी। यानें कि वहांआर्थिक और राजनीतिक प्रणालियां मेनलैंड चाइना से स्वतंत्र होकर काम करेगी इसे ऐसे समझ सकते हैं कि मेनलैंड चीन जहां साम्यवादी है, वहीं हांगकांग एक पूंजीवादी अर्थव्यवस्था है। लेकिन हालिया नेशनल सिक्योरिटी कानून जैसे बाकी फैसलों से हांगकांग की इस व्यवस्था को बदलने की कोशिश की जा रही है।अब राजद्रोह जैसे मामलों को न सिर्फ दायरा बढ़ा है बल्कि सजा भी बढ़ा दी गई हैजानकारों का कहना है कि इस कानून का अधिकारों के हनन में गलत तरीके से भी इस्तेमाल हो सकता है। मौजूदा समय में हांगकांग में एक देश और 2 प्रणाली जैसी नीति लागू है।इस नियम के तहत आर्थिक और राजनीतिक प्रणालियां मेनलैंड चाइना से आजाद होकर कार्य करती हैं। मानवाधिकार अधिवक्ताओं ने चिंता व्यक्त की है कि नया कानून राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों में प्रतिवादियों के लिए कानूनी सुरक्षा को खत्म कर देगा। एक वकील का अधिकार, निर्दोषता का अनुमान, और जमानत का अधिकार, जो कभी हांगकांग की कानूनी व्यवस्था की पहचान थे, को इस कानून के तहत और प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है। परामर्श अवधि के दौरान विचारों का पालन करना और अस्पष्ट और व्यापक अपराध परिभाषाएं बनाए रखना।नए कानून के तहत, मजिस्ट्रेट की मंजूरी के साथ संदिग्धों की हिरासत की अवधि को 48 घंटे से बढ़ाकर संभावित रूप से अतिरिक्त 14 दिन कर दिया गया है। एक मजिस्ट्रेट एक बंदी की कानूनी प्रतिनिधित्व और आवाजाही तक पहुंच पर प्रतिबंधों को भी अधिकृत कर सकता है। इसके अलावा, राष्ट्रीय सुरक्षा कैदियों की जल्द रिहाई इस बात पर निर्भर करती है कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा हितों के विपरीत नहीं है।

अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि हांगकांग सांसद ने नया कानून पारित किया-सरकार का विरोध करने पर कठोर दंड!हांगकांग में नया राष्ट्रीय सुरक्षा कानून पारित-सरकार के खिलाफ असहमति जताने पर कठोर दंड!अंतरराष्ट्रीय मंचों द्वारा मानव अधिकारों और लोकतंत्र का हनन करने में सक्षम,किसी भी कानून का विरोध कर उसे रोकना समय की मांग है। 


-संकलनकर्ता लेखक - कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र


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