नया सवेरा नेटवर्क
हमारा देश भारत कभी सोने की चिड़या कहा जाता था|क्योंकि हमारा ही एक देश ऐसा है,जो अकूत प्राकृतिक सम्पदाओं से समृद्ध है|सोने चाँदी हीरे जवाहरात आदि की खाने यहाँ भारत में हैं|अकूत अमृत भारत में है|गैस तेल के भंडार भी भारत में है|अकूत ज्ञान का भंडार भारत में था और है भी|भारत कभी विश्वगुरू कहा जाता था|आजादी के बाद भी भारत का रूपया विश्व में नं.एक पर था|तमाम म्लेच्छों डचों आक्रांताओं द्वारा लुटने के बाद भी हमारी मुद्रा सबसे मंहगी थी 1947 तक|मगर आजादी के बाद ऐसा क्या हुआ,क्यों हुआ कि हमारी गुरुता समापन की तरफ उन्मुख हो गई|हमारी भाषा पाताल लोक गामिनी हो गई|हमारी मुद्रा रसातल गामिनी बनी हुई है|
इन उपरोक्त बातों पर जब विचार करते हैं तो,एक ही बात समझ में आती है कि इन सबके मूल में भ्रष्टाचार ही है|जिसके चलते हम पिछड़ते गये,और देश जो हमारे सहारे जीते थे वो उभरते गये|हमारा देश कृषि प्रधान देश कहा जाता है|पर अनाज आयात किये जाते हैं|मंहगे दामों पर|माना कि ये राजनीतिक हो सकता है,मगर अपने को ताख पर भी नहीं रखा जा सकता|लेकिन हमारे कर्णधारों ने ही भारत को दबाने का काम किया|एक परिवार को उभारने के चक्कर में देश को गर्त में डाल दिए|एन केन प्रकारेण देश को लूटने में सारा समय लगाये|परिवार को समृद्ध करते गये,और देश को गरीब बनाते गये|देश जब आजाद हुआ तो हमारे साथ साथ कई देश और आजाद हुए थे अंग्रेजों से,जिसमेंअमेरिका जापान भी शामिल था|जापान को तो पहला रेल इंजन भारत ने दिया था|जहाँ भारत प्राकृतिक सम्पदाओं का धनी है तो,वहीं जापान प्राकृतिक आपदाओं वाला देश है|हर साल क्या छठे छमासे ही वहाँ सुनामी, भूकम्प,ज्वालामुखी जैसी आपदायें जापान को तहस नहस करती रहती हैं|फिर भी वो विकसित हो गया और हम अभी भी विकाशशील देश का तमगा लिए घूम रहे हैं,क्यों?
गहन विचार करने पर पता चलता है कि सबका कारण एक ही है,वह है भ्रष्टाचार|भ्रष्टाचार के कारण ही यहाँ की प्रतिभाओं का हनन हुआ|मैकाले की शिक्षा पद्धति फली फुली,गुरुकुल नष्ट हुए|संस्कार लुप्त हो रहे हैं|क्योंकि जैसी शिक्षा वैसा संस्कार,जैसा संस्कार वैसा समाज,जैसा समाज वैसा देश|इसलिए हम पिछड़ते गये और विदेशी ताकतें हमें दबाती गईं|कारण वही भ्रष्टाचार|हमारे कर्णधारों ने देश को उन्नतिशील बनाने की वजाय खुद की उन्नति किये|और देश वासियों के मुँह में लालीपाप हाँथ में आरक्षण रूपी झुनझुना पकड़ा दिए|जिससे देशवासी उसी में उलझें रहें और हमारे भ्रष्टाचार पर ध्यान न दें|इसके लिए शिक्षा को भी लुंज पुंज बनाये रखे|शिक्षा को लुंज पुंज बनाने का कारण यह रहा कि यदि लोग अधिक पढ़ लिख लेंगे तो हमारे कुकर्मों को समझने लगेंगे|जब समझने लगेंगे तो हमारा नुकसान होगा|इसलिए हमारे शास्त्रों को शिक्षा से निकाल कर,हमारे ज्ञान विज्ञान को दबाकर विदेशी ज्ञान विज्ञान को बढ़ावा दिया गया|जो खोज हमारे विद्वानों ने की वह विदेशियों का नाम देकर प्रचारित प्रसारित किया गया|जिससे हमारी प्रतिभा और हमारा देश पिछड़ते गया|कारण वही भ्रष्टाचार|आजादी के 65 वर्षों बाद भारत में एक नेता का उदय हुआ|जिसका नाम नरेन्द्र मोदी है|धीरे धीरे उन चीजों पर काम शुरू किया जो हमारी विगत सरकारों ने छोड़ दिया था|जिसका परिणाम अब हम सभी देख रहे हैं|आज भारत विश्व की पाँचवी आर्थिक शक्ति बन गया है|और ऊपर उठने के प्रयास में निरंतर अग्रसर है|यह नेता उस चीज पर बिना डिगे शक्ती से प्रहार कर मिटाने लगा है,जिससे देश पिछड़ रहा था|वह है भ्रष्टाचार और एक परिवार की उन्नति|
यह नेता शायद देव बनकर इस धरा पर आया है|यह भी वही कर रहा है जो राम और कृष्ण ने किया था|धर्म की स्थापना के लिए|तुलसीदास जी ने बालकाण्ड में बहुत बढ़ियां लिखा है-
जब जब होइ धरम कै हानी|
बाढ़हिं असुर अधम अभिमानी||
करहिं अनीति जाइ नहिं बरनी|
सीदहिं बिप्र धेनु सुर धरनी||
तब तब प्रभु धरि बिबिध शरीरा|
हरहिं कृपानीधि सज्जन पीरा||
उसी तरह यह व्यक्ति भी दिन रात लगा है धर्म की पुनर्थास्पना में|देश को विकसित करने के लिए साम दाम भय भेद हर तरह से|इसे पता है कि जब तक धर्म नहीं तब तक विकास नहीं|इसलिए भारत को विकसित करने के लिए धर्म को विकसित कर रहा है|जो सनातनी धर्म विमुख होते जा रहे थे,उनको राम मंदिर बनवाकर पुन: स्वधर्म की तरफ मोड़ने का सराहनीय व सफल किया है|जो कि सारा विश्व देख कर अचम्भित है|इसी तरह यह व्यक्ति भ्रष्टाचार पर भी अडिग बेझिझक काम कर रहा है|भ्रष्टाचारियों की नींद और चैन दोनो छीन लिया है|भ्रष्टाचारियों के घरों से मिले धन को यह व्यक्ति गरीबों को घर शौंचालय विजली गैस देकर उनका विकास कर रहा है|देश के विकास कार्यों में लगा रहा है|भ्रष्टाचारी तिलमिला रहे हैं|और उनके समर्थक रो रहे हैं|
इन दिनों भ्रष्टाचारियों ने एक फंडा चला रखा है|कि बर्तमान सरकार जान बूझकर विपक्षी नेताओं के ऊपर ईडी सीबीआई को छोड़ रखी है|राजनीतिक विद्वेश की भावना से ईडी सीबीआई का दुरुपयोग कर रही है|और उनके अंध समर्थक यह नहीं सोंच पा रहे न पूँछ पा रहे कि जब नेताजी आप गलत नहीं हो तो ईडी सीबीआई से डर किस लिए रहे हो|ईडी सीबीआई आपसे यदि कुछ पूँछ रही है तो उसका समुचित जवाब देकर उसे चुप करिए|छुप क्यों रहे हो|साँच को आँच किस बात की|जाइए आप पहले अपने को सच साबित कीजिए फिर हम आपके साथ हैं|सोने को परखने के लिए आग में जलना पड़ता है|जब आप खरा सोना हो तो जाइए आग में कूदिए,डर किस बात का है|लेकिन समर्थक ऐसा न करके उनके साथ उनका फायदा करने के लिए और देश का नुकसान करने के लिए कूद पड़ते हैं|और बाद में सरकार से रोजगार माँगते हैं|आज भी जब भ्रष्टाचारियों के के साथ जन हूजूम को देखता हूँ तो लगता है आज भी लोग आदम युगीन ही हैं|सोचने समझने की क्षमता अपने भ्रष्ट नेताओं के घर गिरवी रखे हुए हैं|हम यह नहीं देख सुन समझ पा रहे हैं कि कल पैदल चलने वाला पाँच साल में ऐसी कौन सी कमाई की कि निजी हवाई जहाज से चलने लगा|झोपड़े में रहने वाला पाँच सालों में ही धन कुबेर कैसे बन गया|हम तो पूरा जीवन मेहनत करते करते मर खप जा रहे हैं|कायदे से न घर बना पा रहे न मोटर साइकिल ही ले पा रहे|जिस दिन हम यह सोंचना शुरू कर देंगे|भ्रष्टाचारियों की नानी मर जायेगी|भ्रष्टाचारी भ्रष्टाचार नहीं कर पायेंगे|और देश विकसित हो जायेगा|
हमारे देश का जो संविधान है उसमें भी भ्रष्टाचारियों को बढ़ावा देने का ही विधान है|हमारे पड़ोसी देश चीन में भ्रष्टाचारी को जेल व बेल नहीं मिलती सीधे फाँसी मिलती है|हमारे देश भारत में पहले तो भ्रष्टाचारियों की गिरफ्तारी ही नहीं हो पाती|क्योंकि भ्रष्टाचारियों को पकड़ने के लिए उनसे ही इजाजत लेनी पड़ती है कि महराज आपको कब गिरफ्तार करूँ|आपके यहाँ छापा कब मारूँ|आज ऐसे मामले हम लोग बहुत देख सुन रहे हैं|कहने को तो कानून सबके लिए बराबर है|मगर है नहीं|यहाँ चार तरह के कानून हैं|नेताओं के लिए अलग जिसमें मंत्री आदि सब आते हैं|ये अरबों का भ्रष्टाचार करते हैं|इनको गिरफ्तार करने के लिए राष्ट्रपति और राज्यपाल का अनुमोदन लेना पड़ता है|ब्यूरोकेट्स के लिए अलग जो आई ए एस,आई पी एस रैंक के अधिकारी होते इनके लिए भी मंत्री आदि का अनुमोदन चाहिए|अमीर लोगों के लिए अलग|और गरीब लोगों के लिए अलग|गरीबों को गिरफ्तार करने के लिए किसी के अनुमोदन की जरूरत नहीं पड़ती|इनके साथ सभी कानून शख्त और विशेष रूप से प्रभावी है़|इसी संवैधॎनिक कमियों का फायदा उठाते हुए हमारे भ्रष्टाचारी मजे कर रहे हैं|
एक भ्रष्टाचारी महोदय बचने के लिए ईडी के सामने हाजिर न हों इसलिए अनेकों बहाने बताते हुए दर्जनों ईडी के समन को नहीं स्वीकारे|आखिर में अब उसी की रिमांड में माननीय अदालत ने भेज दिया|दूसरे महोदय भी वही नौटंकी कर रहे हैं|लेकिन माननीय अदालत ने उनको भी फटकार लगाते हुए पेश होने का आदेश दे दिया|क्योंकि कुछ भी कर लो अब जो राजा इस देश को मिला है वह छोड़ेगा नहीं|उसने जो जो कसमें खाई थी वह सब धीरे धीरे पूरी कर रहा है|चाहे 370 हो चाहे राम मंदिर हो चाहे देश का विकास वह सब करके दे रहा है|वह भ्रष्टाचार को भी समूल नष्ट करने की कसम खाई है|और खतम करके ही मानेगा|उस पर आरोप लगाने से बेहतर है|कि आप खुद अपना उचित बचाव करें|और समर्थकों को भी चाहिए कि अपने भ्रष्टाचारी नेताओं से कहें कि यदि आप पर आरोप है तो उसे अदालत में गलत साबित करके पाक साफ बाहर निकलिए|हमसे मत कहिए कि हमने कुछ नहीं किया|ये तो मिथ्या हमें राजनीतिक विद्वेश बस फंसाया जा रहा है|हम तो अदालत की बात मानेंगे|
आपकी बात क्यों मानें|जाइए पहले सोने की तरह चमकते हुए अदालत रूपी भट्ठी से तप करके आइए|लेकिन समर्थक भी महान ही है|सबकुछ देखते हुए भी नहीं मानते कि हमारा नेता चोर है|इसी बात का फायदा और संवैधानिक कमियों का फायदा उठाते हुए भ्रष्टाचारी भ्रष्टाचार पे भ्रष्टाचार करते हुए देश व देश वासियों की ऐसी तैसी कर रहे हैं|और हम सभी उन्हीं भ्रष्टाचारियों के बचाव के लिए लड़ मर रहे हैं|भ्रष्टाचारी तो सरकार पर खुद को बचाने के लिए मिथ्यारोपण कर रहा है|और समर्थक भ्रष्टाचारी को बचाने के लिए तड़प रहा है|जब संवैधानिक सपोट के साथ जन सपोट मिल रहा हो तो कोई भी भ्रष्टाचार करने से खुद को कैसे रोक सकता है|लेकिन आज जो भारत का शासक है इन सबको परे करते हुए भ्रष्टाचारियों को जहाँ होना चाहिए,वहाँ पहुँचा रहा है|
पं.जमदग्निपुरी
1 टिप्पणियाँ
सुन्दर
जवाब देंहटाएंधन्यवाद