- नए एकेडमिक सेशन 2024-25 से कक्षा-1 एडमिशन की उम्र 6 प्लस 1 का फैसला - राज्यों केंद्र शासित प्रदेशों को को पत्र जारी
- संपूर्ण भारत के स्कूलों में 2024-25 से कक्षा-1 में दाखिले की उम्र सीमा 6 प्लस का निर्णय सराहनीय क़दम - एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया
@ नया सवेरा नेटवर्क
गोंदिया - वैश्विक स्तरपर दुनियां का हर देश भारत के हर क्षेत्र की नीतियों पर नजर लगाए बैठा है तथा समय पड़ने पर अनेक देश इन नीतियों का अनुसरण अपने देश में भी करते रहते हैं। भारत में जब नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 बनाई गई तो अनेक ऐसे नियम विनियम उनमें दर्शाए गए जिनके दूरगामी प्रभाव सकारात्मक भाव में दिखाई देंगे, जब इस नीति से पोषित होकर बच्चे अपना करियर बनाएंगे तो उनकी योग्यता की ताकत दुनियां देखेगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में स्कूलों में प्रथम वर्ष कक्षा वन में दाखिले की उम्र 6 वर्ष से अधिक होने की बात कही गई है और अनुरुप नियम व कानून अनिवार्य बाल शिक्षा अधिनियम 2009 के प्रावधानों के अनुरूप भी हैं। इसलिए ही केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की जॉइंट सेक्रेटरी अर्चना शर्मा अवस्थी के नाम से 15 फरवरी 2024 को सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को जारी चिट्ठी में कहा गया है कि इसे व्यक्तिगत तौर पर देखा जाए और सुनिश्चित कराया जाए तथा इस संबंध में नोटिफिकेशन या दिशानिर्देशों को भी जारी किया जा सकता है। चूंकि यह भारत सरकार का कक्षा एक एडमिशन 2024 एज लिमिट पर बड़ा फैसला है, इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे, संपूर्ण भारत में स्कूलों में 2024-25 से कक्षा वन में दाखिले की उम्र सीमा 6 प्लस का निर्णय सराहनीय क़दम है।
साथियों बात अगर हम संपूर्ण भारत मेंकक्षा वन में समान एज लिमिट की जरूरत की करें तो,भारत के अलग-अलग राज्यों के स्कूलों में कक्षा 1 में प्रवेश के लिए आयु योग्यता अलग-अलग हैं। असम, गुजरात, पुडुचेरी, तेलंगाना राजस्थान लद्दाख, आंध्र प्रदेश, दिल्ली, उत्तराखंड, हरियाणा, गोवा, झारखंड, कर्नाटक और केरल में 5 साल की आयु वाले बच्चों को भी कक्षा 1 में प्रवेश दिया जाता है।केवल उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र में दाखिले के लिए न्यूनतम आयु 6 साल है।सरकार ने प्रवेश प्रक्रिया में एकरूपता लाने के लिए ये निर्देश दिए हैं। कक्षा 1 में प्रवेश के लिए न्यूनतम आयु निर्धारित करने का नियम राष्ट्रीय शिक्षा नीति में पेश किए गए बदलाव का हिस्सा है।बता दें कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की 5+3+3+4 स्कूलप्रणाली के अनुसार, 6 से 8 वर्ष के आयु समूह के अनुरूप पहली और दूसरी कक्षा के 2 वर्ष शामिल हैं। ऐसे में कक्षा 1 में प्रवेश के लिए न्यूनतम आयु सीमा 6 साल निर्धारित की गई है। इससे शुद्ध नामांकन अनुपात की माप प्रभावित नहीं होगी। 3 साल से कम उम्र के बच्चे को प्री-स्कूल भेजना भी तर्कसंगत नहीं 3 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को प्री-स्कूल भेजना तर्कसंगत नहीं है। गुजरात हाई कोर्ट ने 1 मामले की सुनवाई करते हुए इसे गैरकानूनी बताया था। कोर्ट ने कहा था कि कोई भी प्री-स्कूल ऐसे बच्चे को दाखिला नहीं दे सकता, जिसने उस वर्ष 1 जून को 3 साल की आयु पूरी नहीं की हो। बता दें, प्री-स्कूल में प्रारंभिक देखभाल और शिक्षा बच्चे को औपचारिक स्कूल की कक्षा 1 में दाखिला लेने के लिए तैयार करती है।
साथियों बात कर हम केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा कक्षा-1 एडमिशन के संबंध में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 15 फरवरी 2024 को भेजे गए पत्र की करें तो, कक्षा 1 एडमिशन 2024 एज लिमिट पर फैसला!एजुकेशन मिनिस्ट्री ने अपने एक्स हैंडल पर ट्वीट करके जानकारी दी है। इसमें बताया गया है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति यानी एनईपी 2020 और बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई एक्स 2009) के तहत यह फैसला लिया जा रहा है।केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने स्टेट और यूटीएस को भेजे गए लेटर में लिखा है कि 2021 और 2023 को राज्यों को भेजे गए पत्र में गुजारिश की गई थी कि वे अपने यहां स्कूल एडमिशन के वक्त कक्षा 1 दाखिले में बच्चों की उम्र 6 साल से ऊपर रखना सुनिश्चित करें। अब नया एकेडेमिक सेशन 2024-25 जल्द ही शुरू होने वाला है, जब नए सत्र के लिए स्कूल एडमिशन शुरू होने वाले हैं। हम ये उम्मीद करते हैं कि आपके राज्य/ केंद्रशासित प्रदेश में ग्रेड-1 एडमिशन की उम्र 6 प्लस रखी जाएगी।ज्वाइंट सेक्रेटरी अर्चना शर्मा अवस्थी के नाम से जारी इस चिट्ठी में ये भी कहा गया है कि मैं गुजारिश करती हूं कि इस मामले को व्यक्तिगत तौर पर देखा जाए और इसे सुनिश्चित कराया जाए। आप इस संबंध में तैयार नोटिफिकेशन यादिशानिर्देश भी शेयर कर सकते हैं। शिक्षा मंत्रालय ने सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि 2024-25 के सत्र से पहली कक्षा में प्रवेश के लिए बच्चों की उम्र छह वर्ष से अधिक हो। यह व्यवस्था राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 तथा नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम-2009 के प्रावधानों के अनुरूप की गयी है। शिक्षा मंत्रालय ने सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि 2024-25 के सत्र से पहली कक्षा में प्रवेश के लिए बच्चों की उम्र छह वर्ष से अधिक हो। यह व्यवस्था राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 तथा नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम - 2009 के प्रावधानों के अनुरूप की गयी है। शिक्षा मंत्रालय ने तारीख 15 फरवरी 2024 को स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग को इस बारे पत्र लिखा है और सत्र 2024-25 से ग्रेड-1 में प्रवेश के लिए यह नियम लागू करने को कहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 देश के लिए राष्ट्रीय प्राथमिकता के रूप में बुनियादी स्तर पर बच्चों के सीखने की शक्ति और समझ विकसित करने की सिफारिश करती है। पहले यानि मूलभूत चरण में सभी बच्चों (3 से 8 वर्ष के बीच) के लिए पांच साल सीखने के अवसर होते हैं, जिसमें तीन साल की प्री-स्कूल शिक्षा और दो साल की प्रारंभिक प्राथमिक ग्रेड-I और ग्रेड- II शामिल हैं। मंत्रालय का कहना है कि यह केवल आंगनवाड़ियों या सरकारी/सरकारी सहायता प्राप्त, निजी और गैर-सरकारी संगठन द्वारा संचालित स्कूल पूर्व (प्री-स्कूल) केंद्रों में पढ़ने वाले सभी बच्चों के लिए तीन साल की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच सुनिश्चित करके ही किया जा सकता है। बता दें कि केंद्रीय स्कूलों के अलावा कई राज्यों में पहली कक्षा में दाखिले की न्यूनतम उम्र पहले से ही 6 साल रखी गई है। वहीं कई राज्यों में ये पांच या साढ़े पांच साल रखा गया है. अब इस नए बदलाव को राज्य स्तरपर सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में लागू किया जा रहा है।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि भारत सरकार का कक्षा-1 एडमिशन 2024-25 एज लिमिट पर बड़ा फैसला ! नए एकेडमिक सेशन 2024-25 से कक्षा-1 एडमिशन की उम्र 6 प्लस 1 का फैसला - राज्यों केंद्र शासित प्रदेशों को को पत्र जारी।संपूर्ण भारत के स्कूलों में 2024-25 से कक्षा-1 में दाखिले की उम्र सीमा 6 प्लस का निर्णय सराहनीय क़दम
-संकलनकर्ता लेखक - कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र
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