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वाराणसी। इंग्लिशिया लाइन स्थित भारतीय शिक्षा मंदिर इंटर कॉलेज में मंगलवार से 30 दिवसीय प्रस्तुतिपरक भारतीय शास्त्रीय अभिनय कार्यशाला शुरू हुई। मुख्य अतिथि सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा ने कहा कि संस्कृत भाषा समसामयिक भी है। इसके उत्थान, प्रगति के लिए निरंतर प्रयास होने चाहिए।
विशिष्ट अतिथि भारतीय शिक्षा मंदिर के प्रधानाचार्य डॉ. चारुचंद्र त्रिपाठी ने संस्कृत भाषा का महत्व बताया। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (वाराणसी केंद्र) के निदेशक प्रवीण कुमार गुंजन ने बताया कि बनारस यूथ थिएटर रंगमंच के क्षेत्र में उत्तम कार्य कर रहा है। यह भी प्रभावित करने वाली बात है कि उत्कर्ष उपेंद्र सहस्त्रबुद्धे रंगमंच के लिए पूरी तरह से समर्पित हैं।
अध्यक्षता कर रहे अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय, वर्धा के पूर्व कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ला ने इस कार्य में हरसम्भव सहयोग देने की इच्छा जताई। बनारस यूथ थिएटर और उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थानम् के संयुक्त तत्वावधान में हो रही कार्यशाला में कई प्रदेशों से अभ्यर्थियों का चयन हुआ है। उन्हें प्रशिक्षण देने के लिए राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय, भारतेंदु नाट्य अकादमी, टैगोर नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा और महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय के शोधार्थी आएंगे।
इस अवसर पर अर्चना निगम, सत्येंद्र, राजकुमार, अदिति, विशाल, श्रुति, प्रतीक्षा, प्रिंस, शुभम, धर्मेंद्र, विनीत, रजत, दर्शन, चाहत आदि मौजूद रहे। संचालन उत्कर्ष सहस्त्रबुद्धे व धन्यवाद ज्ञापन उपेंद्र विनायक सहस्रबुद्धे ने किया।
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