ये जन प्रतिनिधि हैं या विदूषक | #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
कल जो कृत्य विपक्षियों ने किया,वह बहुत ही घटिया निम्ननता की हद और शर्मनाक है|इनके इस कृत्य से माननीय उप राष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति जितने आहत और अपमानित नहीं हुए होंगे उससे कहीं कई गुना देश अपमानित हुआ|जनमानस आहत हुआ|इस कृत्य से पूरे विश्व में यह संदेश गया कि भारतीय सच में लोभी और मूर्ख हैं|जो इन जैसे नेताओं को अपना प्रतिनिधि चुनकर संसद में और विधान सभा में भेजे हैं|इन विदूषक नेताओं को यह भी पता नहीं है कि हमें क्या करने के लिए जनता ने चुनकर भेजा है|और हम कर क्या रहे हैं|सदन में हो हल्ला और सदन के बाहर जोकरई|वो भी किसकी जो भारत का दूसरा नागरिक है|जो भारत का उप राष्ट्रपति है|जो उच्च सदन का सभापति है|उसका मजाक बना उसे विदूषक बनाकर जनता के सामने प्रस्तुत कर रहे हैं|जो जन प्रतिनिधियों द्वारा चुनकर बैठाया गया है|ये विपक्षी जनप्रतिनिधि न तो देश के सम्मान के बारे में सोंच रहे हैं न जनता के सम्मान के बारे में|ये मोदी के विरोध में इस कदर पगलाये हैं कि इनको कुछ सूझ ही नहीं रहा है|इसलिए ये आये दिन इस तरह की ऊल जलूल हरकत करके देश व देशवासियों का अपमान करते रहते हैं|
आप विरोधी पक्ष के नेता हैं|जनता ने आपको अपनी आवाज बनाकर सदन में भेजा है तो इसलिए नहीं कि आप वहाँ जाकर चोरी करें,दलाली करें,देश की ऐसी तैसी करें,अपने धनकुबेर बनें,देश को भिखारी बनायें|और पकड़े जाने पर सदन में हंगामा करें,जोकरई करें|आप पर जनता ने भरोसा करके सांसद या विधायक चुना है तो देश सेवा के लिए जन सेवा के लिए|न की आपके कुकृत्यों से शर्मिंदा होने के लिए|आपके द्वारा किया गया कृत्य अशोभनीय निंदनीय और अक्षम्य है|आपने धनखड़़ जी का मजाक नहीं बनाया है|आपने पूरे देश का मजाक बनाया है|हम सबके सपनो पर कुठाराघात किया है|आपने जिस व्यक्ति का मजाक बनाया है उससे देश का सम्मान जुड़ा है|आप सबने देश का पूरे विश्व में मान गिराया है|आप सब गिरी हुई घटिया मांसिकता के तो हो ही|अपने देश और देशवासियों को भी बना दिये हो|इसीलिए और शायद आप जैसे लोगों के लिए ही तुलसीदास जी ने लिखा है"आपु गये और तिनहूँ घालहिं" कहने का तात्पर्य यह है कि आप सबके कुकृत्य से हम सभी भारतवासी भी आपकी ही मांसिकता के विश्व में माने जा रहे हैं|हम भारतवासियों को आप सबने लपेट लिया|
आप सभी विपक्षी क्या चाहते हो|क्यों ऐसे काम करते हो जिससे देश शर्मिंदा हो|इसलिए कि सत्ता चाहिए|सत्ता इस तरह की शर्मनाक हरकत करने से नहीं मिलेगी|सत्ता पानी है तो सबसे पहले शालीन बनिए, संस्कारी बनिये| जहॉ हो जिस पद पर हो उसकी मर्यादा रखिए|आप विदूषक नहीं हो जनप्रतिनिधि हो|जनता के हितकर बनिए|चोरों दलालों देशद्रोहियों के पोषक मत बनिए|जनता सजग हो रही है|वह शिर पर बैठाती है तो नीचे भी वही गिराती है|आप भले देशद्रोहियों के साथ हो लो|मगर जनता देश के साथ ही चलेगी|जब देश की बात होगी तो जनता देश के साथ चलेगी आप जैसे जोकरों के साथ नहीं|समय है सुधर जाइए वर्ना जो दो चार बचे हो वह भी नहीं रहोगे|इसी तरह देश का अपमान करते रहोगे और देश द्रोहियों को बचाते रहोगे तो कहीं के नहीं रहोगे|बस देशद्रोहियों के होकर रह जाओगे और एक दिन उनके साथ ही जेल की हवा खाओगे|
आप विरोध करिये,सरकार की गलत नीतियों का,जिसके लिए जनता ने चुनकर सदन में भेजा है|आवाज उठाइए जनहित के पक्ष में|क्योंकि जनता ने सदन में आपको अपनी आवाज बनाकर सांसद विधायक बनाकर आपको भेजा है|लेकिन सरकार का विरोध न करके देश का विरोध करोगे|तो जनता क्षमा नहीं करगी|जनता धनखड़ जी जैसे महान नहीं है|कि आपके कुकृत्यों को माँफ करेगी|जनता ने उच्च सदन में आपको अपनी आवाज बनाकर भेजा है|जोकरई करने के लिए नहीं|आपका कृत्य ही जनता का चित्र है|जैसा आप करोगे वैसे ही जनता के बारे में सोंच बनेगी|यदि सुन्दर काम करेंगे|तो लोग जनता की सोंच को उसके निर्णय का सम्मान करेंगें|जोकरई करोगे तो उस क्षेत्र की जनता की सोंच घटिया समझी जायेगी|क्योंकि दोषी वो मानी जायेगी,जो आप जैसे विदूषक और घटिया लोगों को चुनकर ऊपरी सदन तक सांसद विधायक बनाकर भेजी है|आप अपने कृत्यों से उस क्षेत्र की जनता का भी अपमान करते हो|
विश्व के लोग क्या सोंचेगें हमारे बारे में कि हम मूर्ख हैं ,जो आप जैसे नेताओं का चयन करते हैं|हम सभी लालची हैं जो अाप जैसे जोकरों को घंटो लाईन में खड़े होकर अपना कीमती मत देकर चुनते हैं|आप हम सबका आइना हो|आप ही हमारी तस्वीर को पूरे विश्व में दिखाते हो|आपके ही कृत्य से हमारा चरित्र पूरे विश्व में दिखता है|इसलिए सावधान|इस तरह के कृत्य देश विरोधी हैं|और हम देश विरोधियों का चयन अब कदापि नहीं करेंगे|
उप राष्ट्रपति के अपमान से हम सभी भारतवासी आहत हैं|शर्मिंदा हैं अपने चुनाव पर|इंतजार में हैं आपको सजा देने के लिए|उन्होंने भले माँफ कर दिया पर देशवासी नहीं माँफ करेंगे|आपने जोकरई की है|अब जोकर ही बनाके छोड़ेगे|आपको भी और आपके समर्थकों को भी|अब भी समय है अपने अशोभनीय कृत्य की माँफी माँग लो|शायद भोली भाली जनता माँफ कर दे|नहीं तो जनता जितनी भोली है उतनी ही उग्र भी|जनता शिव है|वह जहर पीती भी है|और जहरीलों को गले भी लगाती है|पर जब रुद्र बनती है तो जहरीलों को निगल भी जाती है|इसलिए जनता शिव है तो शिव ही बने रहने दीजिए|रुद्र बनने पर विवश न कीजिए|अपने आचरण सही कीजिए|आचरणहीन मत बनिए|देश सेवक बनिए देशद्रोहियों के नहीं|जन सेवक चुने गये हो तो जनसेवक बनिए|चोरों और दलालों के सेवक न बनिए|सांसद चुने गये हो|विदूषक मत बनिए|देश की गरिमा बढा़इए गिराइए मत|नहीं तो जनता आपको गिरा देगी|
पं.जमदग्निपुरी
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