वाराणसी: रोग मुक्ति की कामना से आंवला वृक्ष का पूजन | #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
वाराणसी। शहरी इलाकों में इस परंपरा के निर्वाह के लिए लोगों ने आंवले के पेड़ की डाल गाड़ कर उसके सानिध्य में भोजन पकाए और सामूहिक रूप से प्रसाद स्वरूप उसे ग्रहण किया। अक्षय नवमी के दिन पंचगंगा घाट स्थित श्रीमठ, दुर्गाकुंड स्थित धर्मसंघ परिसर एवं दुर्ग विनायक मंदिर, अस्सी स्थित सिद्धेश्वर महादेव मंदिर में विविध अनुष्ठान किए गए।
आचार्य विकास शास्त्री बताते हैं कि कार्तिक शुक्ल पक्ष के नवमी को आंवला वृक्ष का पूजन करने उसकी छाया में भोजन करने से शरीर और मन रोग मुक्त होता है। साथ ही अक्षय सुख की प्राप्ति होती है। अक्षय नवमी पर पूजन कर भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने की कामना से राजघाट स्थित जानकी आश्रम में अक्षय नवमी पर श्रीराम चरित मानस पाठ एवं भण्डारा हुआ।
- सिद्धेश्वर महादेव मंदिर में भी पूजन
कार्तिक शुक्ल पक्ष की नवमी पर अस्सी क्षेत्र में गोयनका संस्कृत महाविद्यालय परिसर स्थित सिद्धेश्वर महादेव मंदिर में आंवला वृक्ष का पूजन साहित्यकार डॉ. जयप्रकाश मिश्र ने विधि विधान से किया। उन्होंने कहा कि आंवला पूजन का बहुत महत्व है। यह देव वृक्ष है। जागृति फाउंडेशन के महासचिव रामयश मिश्रा ने कहा कि करीब 25 वर्ष पूर्व आंवला का यह पौधा रोपा गया जो अब वृक्ष बन चुका है। इस अवसर पर विनय कुमार मिश्रा, शिवम जायसवाल, आरती श्रीवास्तव, सत्यमशु जोशी आदि रहे।