प्रतापगढ़: गोपालन के लिए पृथ्वी पर अवतरित होते भगवान | #NayaSaveraNetwork
- गाय के समस्त अंगों में देवी देवता करते हैं निवास
प्रतापगढ़। सुप्रसिद्ध श्रीमद्भागवत कथा के मर्मज्ञ सर्वेश प्रपन्नाचार्य महाराज ने कहा कि हो सके तो हर व्यक्ति को अपने घर में गाय का पालन करना चाहिए। शहर में तो सम्भव नहीं, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में आसानी से गोपालन किया जा सकता है। उक्त अनमोल बातें महाराज ने मां चण्डिका धाम स्थित तारनपुर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के दौरान कही।
- पंचगव्य से दूर हो जाते हैं सभी पाप
समाजसेवी एवं कारोबारी अरुण त्रिपाठी के मार्गदर्शन में चल रही इस कथा के दौरान उन्होंने कहा कि गोपालन के लिए भगवान श्री कृष्ण ने मानव अवतार लिया। गाय एक ऐसा मंदिर है जिसके समस्त अंगों में 33 कोटी देवी देवता निवास करते हैं भगवान श्री कृष्ण कार्तिक शुक्ल अष्टमी तिथि को प्रथम प्रथम बार गाय चराने के लिए वन गए। प्रपन्नाचार्य महाराज ने कहा कि मनुष्य के शरीर की शास्त्रों में बहुत बार वर्णन किया गया है, परंतु मनुष्य का मल मूत्र भी स्पर्श के योग्य नहीं है। संपूर्ण विश्व में केवल गाय का ही गोबर एवं मूत्र शुचिता के लिए प्रयोग किया जाता है। पूजा पाठ में गाय के गोबर का ही पंचगव्य में प्रयोग किया जाता है। गोबर गोमूत्र गो दुग्ध गोदधि एवं गो घृत ही पंचगव्य कहलाता है।उन्होंने कहा कि हड्डी में चिपका हुआ पाप भी पंचगव्य पीने से दूर हो जाता है।
- मात्र 7 लोगों से ही सुरक्षित है सनातन धर्म
महाराज ने कहा कि सनातन धर्म की ध्वज को धारण करने वाले सात लोग हैं। इनमें गाय, ब्राह्मण, वेद, सती नारियां, सत्य बोलने वाले लोग, दानशील प्राणी एवं निर्लोभी मनुष्य इन सात लोगों से ही सनातन धर्म सुरक्षित है। महाराज ने कहा कि भगवान का नाम जीव के कल्याण के लिए कलयुग में सबसे उत्तम साधन है।
- राम नाम कलयुग में सबसे उत्तम साधन
राम नाम से ही इस भव सागर से पार हो सकते हैं। इसलिए जब भी समय मिले प्रेम से राम नाम का जप करना चाहिए। आज कथा का 6 वाँ दिन था। कथा का श्रवण करने के लिए दूर दूर से श्रद्धालु कथा मंडप पहुंच रहे हैं।
![]() |
विज्ञापन |
![]() |
विज्ञापन |
![]() |
Ad |