नया सवेरा नेटवर्क
जौनपुर। बिना विश्वास के सफलता नहीं मिलती है इसलिए विश्वासघात नहीं करना चाहिए। वि·ाास का आधार पवित्र चरित्र होता है। पवित्र चरित्र से प्रेम और प्रेम से सेवा भाव उत्पन्न होता है और ऐसा सेवा भाव स्वयं शिव स्वरूप हो जाता है। वैदिक प्रावधानों के तहत आताताइयों दमन भूत और वर्तमान में सर्वथा उचित रहा है। आतंकियों का दमन व्यस्था बनाय रखने के लिए जरूरी है।इनका दमन हिंसा नहीं मानी जाती है। माता, पिता, गुरु और इष्ट का अपमान करने वालों को इनका महत्व समझाना चाहिए।इंसान कभी भी खराब नहीं होता उसका समय खराब होता है इसलिए समय को समझें और ऐसे समय को निकलने दें। यह एक समय चक्र होता है, जो हर इंसान की जिंदगी में आता है इसलिए ऐसे प्रतिकूल समय में विवेक से कार्य करें। शंकराचार्य जी ने बताया कि भगवान भोलेनाथ पर वि·ाास करना चाहिए और उनकी प्रतिदिन आराधना करनी चाहिए। आराधना दुखों बचे रहने का आधार है।भैरव करते हैं शिव भक्त के दुखों का भक्षणिक भगवान शिव व उनके अंश रूप हनुमान जी, भैरव व सहित सभी उनके अंश अवतारों की तीन परिक्रमा की जाती है। शिवलिंग की आधी परिक्रमा कर नंदी दशर््ान कर पुन: लौटने पर परिक्रमा पूरी मान ली जाती है। इसी तरह तीन बार आधी परिक्रमा पर नंदी दशर््ान करने से तीन परिक्रमा पूरी मान ली जाती है। बिना नंदी दशर््ान के भगवान शिव की परिक्रमा पूरी नहीं मानी जाती है। ये बातें विकास खंड मछलीशहर के गांव बामी में नारायण सेवा समिति के तत्वावधान में चल रही श्री शिव महापुराण कथा के तीसरे दिन काशी धर्मपीठाधी·ार जगुरु शंकराचार्य स्वामी नारायणानंद तीर्थ जी महाराज ने आध्यात्मिक लाभ के लिए सत्संग पंडाल में पधारे भक्तों से कही।
![]() |
Advt. |
![]() |
Advt. |
0 टिप्पणियाँ