नया सवेरा नेटवर्क
- भगवान धन दौलत नहीं, भाव के भूखे
प्रतापगढ़। भक्तों की रक्षा करने के लिए भगवान अवतार लेते हैं।महाभारत युद्ध के बाद जब अश्वत्थामा ने उत्तरा के गर्भ को नष्ट करना चाहा तो भगवान ने उत्तरा के गर्भ में जाकर गर्भस्थ शिशु की ब्रह्मास्त्र द्वारा रक्षा की। भक्त प्रह्लाद को भी बचाने के लिए भगवान खम्भे से प्रकट हुए। ये अमृत उद्गार प्रयागराज के सुप्रसिद्ध कथा वाचक सर्वेश प्रपन्नाचार्य महाराज ने चण्डिका मां धाम के पास तारनपुर गांव में चल रही श्रीमद भागवत कथा के दौरान व्यक्त किया।
- भगवान ने मानव को दिया है अनमोल खजाना
वरिष्ठ समाजसेवी अरुण त्रिपाठी के मार्गदर्शन में चल रही कथा में महाराज ने कहा कि भगवान भारत की पावन धरती पर अपने भक्तों की रक्षा करने के लिए कई बार अवतार ले चुके हैं। इन अवतारों में उन्होंने मानव जीवन की सार्थकता सिद्ध करने का अनमोल खजाना दिया है। यदि हम उनके आदर्शों पर चलें तो हर व्यक्ति का जीवन सफल हो जाये।
- भगवत कृपा बिना सृष्टि का रहस्य जानना असम्भव
प्रपन्नाचार्य महाराज ने कहा कि भीष्म पितामह ने बाण की सैया पर पड़े होने के बाद भी विष्णु सहस्त्रनाम का उपदेश युधिष्ठिर को दिया। भगवान धन संपदा के नहीं भाव के भूखे हैं। यही कारण है कि श्री कृष्ण ने राजा दुर्योधन का भोजन त्याग कर श्री विदुर के यहां बथुआ के साग का भोग लगाया। महाराज ने कहा कि सृष्टि का रहस्य सृष्टि रचयिता की कृपा के बिना जानना मानव के लिये असंभव है।
- संतों की सेवा से भगवान होते हैं खुश
भगवान ने पहला अवतार संतों के रूप में ही लिया। इसलिए पूज्य सन्तों के सम्मान से भगवान सदा खुश रहते हैं। इसलिए द्वार पर आए साधु सन्तों की यथा शक्ति सेवा करनी चाहिए। पता नहीं नारायण किस रूप में आ जाएं। कथा में कई बार भगवान के मिलने के ऐसे प्रसंग आये हैं। जिसमें बड़े भग्यशाली ही भगवान को पहचान सके।
- बचपन से ही बच्चों में डालें संस्कार
महाराज ने बच्चों में संस्कार डालने के लिए माता पिता को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि बचपन ही जीवन का ऐसा मोड़ है, जहां से जिस रूप में बच्चों को ढालना चाहो आसानी से ढल सकते हैं। बड़े होने पर लाख कोशिश के बाद भी बच्चों में बदलाव नहीं आएगा । इसलिए बचपन से ही उन्हें बड़ों का चरण स्पर्श, सम्मान करने आदि की सीख देनी चाहिए।
- मनमोहक झांकियां मोह रहीं मन
कथा के दौरान प्रसंगों के अनुसार मनमोहक झांकियां पेश की जा रही हैं। श्रीमद्भागवत कथा सुनने और मनमोहक झांकियां देखने के दूर दूर से लोग पहुंच रहे हैं।
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