नया सवेरा नेटवर्क
वाराणसी। उत्तर क्षेत्र बाज खेड़ावाल गुजराती समाज की ओर से आयोजित नौ दिनी गरबा महोत्सव के आखिरी दिन सोमवार को सभी ने धमाल मचाया। शुरुआत में माता अंबे और पावागढ़ वाली माता की पूजा-अर्चना की गई। समाज के पुरोहित अनंत मौनी के निर्देशन में पूजन के बाद डांडिया महोत्सव की विराम निशा की शुरुआत बच्चों की स्पर्धा से हुई। पक्के महाल में जोशी जी के बागीचे में चल रहे उत्सव में समाज की महिलाओं और पुरुषों ने बढ़चढ़ कर भागीदारी की। बच्चों के लिए यह शाम कुछ खास रही। बालक और बालिका वर्ग में अलग-अलग हुई प्रतियोगिताओं में बच्चों ने अपनी प्रतिभा दिखाई। पारंपरिक लोकनृत्य की प्रस्तुति के दौरान कुछ बालक बालिकाओं के सधे प्रदर्शन पर बड़े भी दांतों तले उंगलियां दबाने को विवश हो गए।
इसके बाद महिलाओं के लिए के पांच ताली रास का विशेष आयोजन हुआ। इसमें महिलाओं ने समूह में गरबा किया। फिर युगल गरबा की बारी थी। इसमें जोड़ों ने भी पूरी ताकत झोंक दी। हर जोड़ा एक दूसरे को पछाड़ने को आतुर दिखा। महिलाओं और पुरुषों के पारंपरिक परिधान भी गजब ढा रहे थे। देर रात तक चले उत्सव के समापन पर नौ दिनों तक चले गरबा महोत्सव के दौरान बच्चों, महिलाओं, पुरुषों तथा युगल वर्ग में हुई विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। बच्चों के बीच हुई फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता के विजेताओं को भी विशेष पुरस्कार दिए गए।
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