सनस्क्रीन से जुड़ी इन गलतफहमियों से पहुंच सकता है स्किन को नुकसान | #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
त्वचा को ग्लोइंग और हेल्दी बनाए रखने के लिए मॉइश्चराइजर से लेकर स्क्रब, टोनर, क्लीनर जैसे कई प्रोडक्ट्स का यूज किया जाता है. स्किन केयर रूटीन में सनस्क्रीन का यूज एक बेहद जरूरी स्टेप है, क्योंकि सनस्क्रीन आपकी त्वचा को सूरज का हानिकारक यूवी किरणों से होने वाले नुकसान से बचाता है. इसलिए यह कहा जाता है कि धूप में निकलने से 15 से 20 मिनट पहले ही सनस्क्रीन लगा लेनी चाहिए, ताकि त्वचा में अच्छे से ऑब्जर्व हो सके. फिलहाल हम बात कर रहे हैं सनस्क्रीन से जुड़ी कुछ गलतफमियों के बारे में, जिन पर लड़कियां आसानी से भरोसा कर लेती हैं और इसी वजह से कई बार स्किन को नुकसान भी पहुंच जाता है. त्वचा को यूवी किरणों से बचाए रखने के लिए सनस्क्रीन का यूज करना जितना जरूरी है. उतना ही यह भी जरूरी है कि इसे सही तरह से लगाया जाए. गलत तरह से सनस्क्रीन का इस्तेमाल करने से फायदा तो नहीं मिलता है, इसके साथ ही स्किन को भी नुकसान पहुंचता है.
सांवले रंग वालों के लिए सनस्क्रीन नहीं है जरूरी
अक्सर लोगों का मानना होता है कि सांवले या फिर गहरे रंग वालों के लिए सनस्क्रीन की जरूरत नहीं होती है, लेकिन यह महज एक गलतफहमी है. सनस्क्रीन आपकी त्वचा को डैमेज होने से बचाती है. इसलिए रंग चाहे कोई भी हर एक के लिए सनस्क्रीन की जरूरत होती है.
एसपीएफ 50 है तो बार-बार लगाने की क्या जरूरत
किसी भी सनस्क्रीन से कितना फायदा होगा, यह उसके एसपीएफ ग्रेड पर डिपेंड करता है. कई लोगों का मानना होता है कि एसपीएफ 50 वाली सनस्क्रीन लगाने के बाद बार-बार अप्लाई करने की जरूरत नहीं पड़ती है, लेकिन ऐसा
ठंडे मौसम में नहीं होती सनस्क्रीन की जरूरत
लोगों को लगता है कि ठंडे मौसम में जब सूरज नहीं निकलता है तो सनस्क्रीन की जरूरत नहीं होती है. हालांकि ऐसा है नहीं. क्योंकि ठंडे मौसम में भी यूवी रेज आपकी त्वचा को नुकसान पहुंचा सकती है. इसलिए हर मौसम में सनस्क्रीन का यूज करना सही रहता है.
सनस्क्रीन लगाने से त्वचा पर टैनिंग नहीं होती है
अगर आप सनस्क्रीन लगाती हैं और आपको लगता है कि इससे आपकी त्वचा पर बिल्कुल भी टैनिंग नहीं होगी तो यह महज गलतफहमी है. यह यूवी किरणों से त्वचा को बचाती है, लेकिन पुरी तरह से टैनिंग से नहीं बचा सकती.
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