नया सवेरा नेटवर्क
जौनपुर। वर्तमान समय में डेंगू का खतरा बढ़ता ही जा रहा है। देखा जाए तो बुखार से पीडि़त अस्पतालों में उपचार कराने के लिए गए अधिकांश मरीज जांच के बाद डेंगू पाजीटिव आ रहे हैं। दवाओं का छिडक़ाव न होने से डेंगू वाले मच्छरों की संख्या में दिन दूना रात चौगुना बढ़ोत्तरी हो रही है। हालत बेकाबू होता जा रहा है। प्रत्येक व्यक्ति की बात तो नहीं कर सकते परन्तु जिले के हर गांव-मोहल्ला में कोई न कोई व्यक्ति डेंगू से पीडि़त होना बताया जा रहा है। इनकी भारी-भरकम संख्या किसी भी अस्पतालों में ओपीडी के समय देखी जा सकती है। ऐसे मरीजों को अस्पताल से छुट्टी मिलने में सप्ताहभर से अधिक का समय लग जा रहा है। डेंगू का कहर कब रूकेगा यह कह पाना मुश्किल हो जा रहा है। इस बीमारी में गौर करने की बात यह हैं कि डेंगू से पीडि़त मरीज ठीक होने पर अर्थराइटिस के चंगुल में न आए इससे सावधान रहना होगा। टीडी कालेज रोड स्थित यश हॉस्पिटल के प्रख्यात आर्थो सर्जन डॉ अवनीश कुमार सिंह ने बताया कि डेंगू से ठीक होने के बाद जो भी मरीज अस्पताल की ओपीडी में आ रहे हैं वह हड्डियों और जोड़ों में दर्द के साथ सूजन से परेशान हंै। जब जांच करायी जा रही है तो यूरिक ऐसिड बढ़ा हुआ पाया जा रहा है। साथ ही गठिया की शिकायत भी मिल रही है। डेंगू बुखार के बाद मरीज को अधिक सावधानियां बरतने की जरूरत है अन्यथा अर्थराइटिस की चपेट में आ सकते हैं।
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