नया सवेरा नेटवर्क
राज्याभिषेक के साथ राम कथा का हुआ समापन
राम कथा के अंतिम दिन भक्तों का उमड़ा सैलाब, जय श्री राम से गूंजा पंडाल
जौनपुर। बीआरपी इंटर कॉलेज के मैदान में सेवा भारती के नेतृत्व में भाजपा के वरिष्ठ नेता ज्ञान प्रकाशा सिंह द्वारा आयोजित श्री राम कथा के अंतिम दिन कथा वाचक शांतनु महाराज ने केवट संवाद एवं अन्य संवादों का बड़े ही मार्मिक ढंग से चित्रण किया। महाराज ने कहा कि केवट ने भगवान राम से कहा कि मुझे आपको पार उतारने में कुछ भी नहीं चाहिए।
भगवान राम कुछ लेने के लिए कहते रहे लेकिन केवट ने कहा कि जब आप चौदह वर्ष का बनवास बिताने के बाद वापस आइयेगा और मुझे देगें तो मैं स्वीकार कर लूंगा। केवट भगवान की परीक्षा नहीं प्रतीक्षा कर रहा था और चौदह वर्ष तक प्रतीक्षा किया। दूसरे प्रसंग में सेबरी की कहानी का इस तरह मार्मिक चित्रण किया कि सेबरी को यह पूरा विश्वास था कि एक न एक दिन भगवान आयेगें और मन में यह इच्छा थी कि जब हमारी झोपड़ी मंे आयेगें तो मेरा भी भाग्य जग जायेगा और मैं तर जाऊंगी।
काफी लंबे समय तक इंतजार की और उसका प्रतिफल भी अच्छा आया और आखिर में भगवान राम सेबरी के झोपड़ी में गये और दर्शन दिये। महाराज ने हनुमान जी का भी अद्भुत चित्रण किया किया और कहा कि हनुमान जी ने भगवान राम से कुछ नहीं लिया। भगवान राम कुछ लेने के लिए कहते रहे लेकिन हनुमान जी ने सिर्फ यह कहा कि प्रभु अपना चरण दे दीजिए उसी की पूजा करते रहेगें।
माता सीता ने एक बार भगवान राम से कहा कि जब यह बंदर आता है तो आप सिर क्यूं झुका लेते हैं। तो भगवान राम ने माता सीता से कहा कि मैं इनका ऋणी हूं। माता सीता ने कहा कि तो दे कर के क्यों नहीं ऋण उतार लेते हैं। भगवान राम ने माता सीता से कहा कि आपके पास इतना है ही नहीं कि उसे देकर ऋण चुका सकूं। महाराज ने कहा कि सिर्फ बड़े मंदिरों में ही भगवान राम नहीं रहते हैं छोटे छोटे मंदिरों में भी भगवान रहते हैं।
लोग अक्सर बड़े मंदिरों में जाकर मत्था टेकते हैं और अपने आस पास की छोटे मंदिरों में जाने से कतराते हैं। एक प्रसंग में उन्होंने कहा कि जब इंसान को परमात्मा सामर्थय दे तो उसे कुछ अच्छे कार्यों में धन खर्च करना चाहिए। श्री राम कथा के मुख्य आयोजक भाजपा के वरिष्ठ नेता ज्ञान प्रकाश सिंह के बारे में जिक्र करते हुए कहा कि परमात्मा ने इनको सामर्थय दिया है तो इन्होंने अयोध्या राम मंदिर में एक करोड़ 21 लाख 11 हजार रूपये का सहयोग किया और जिस अपने गांव के स्कूल में पढे़ थे उस स्कूल में लाखों रूपये खर्च कर उसका कायाकल्प कर दिये।
जिला अस्पताल में उन्होंने आने वाले लोगों की सुविधा के लिए डीलक्स शौचालय बनवा दिया। कहने का तात्पर्य यह है कि जब ईश्वर सामर्थयवान बनाये तो इंसान को अच्छे कामों में निवेश करना चाहिए। उन्होंने प्रयागराज का भी जिक्र किया कहा कि ब्राहृा के विशेष यज्ञ के कारण प्रयागराज का नाम पड़ा था लेकिन उसका नाम इलाहाबाद रख दिया गया।
प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने अपने कार्यकाल में दोबारा इलाहाबाद की जगह प्रयागराज रखा और फैजाबाद का नाम अयोध्या रखा। समापन के दिन भक्तों की भीड़ अधिक दिखी। राम कथा शुरू होने से पहले राम आशीष पाठक अमृत ने भजन सुनाकर भक्तों को भाव विभोर कर दिया।
इस मौके पर सांसद बीपी सरोज, एमएलसी विद्या सागर सोनकर, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष कमला सिंह, पूर्व विधायक सुरेंद्र प्रताप सिंह, रजनीश श्रीवास्तव, प्रधानाचार्य डॉ.सुभाष सिंह, आर्थोपेडिक सर्जन डॉ.सुबास सिंह, डॉ.राकेश सिंह, सेवा भारती काशी प्रांत के अध्यक्ष राहुल सिंह, माउंट लिट्रा जी स्कूल के निदेशक अरविंद सिंह, अमित सिंह, प्रदीप सिंह सहित हजारों पुरूष व महिला श्रद्धालु उपस्थित रहे।
राम कथा के आयोजक ज्ञान प्रकाश सिंह ने सबके प्रति जताया आभार
जौनपुर। बीआरपी इंटर कालेज के मैदान में चल रहे श्री राम कथा के अंतिम दिन कथा के आयोजक भाजपा के वरिष्ठ नेता ज्ञान प्रकाश सिंह ने राम कथा को सफल बनाने में सहयोग करने वाले सेवा भारती सहित अन्य संस्थाओं, प्रशासनिक एवं पुलिस कर्मियों एवं राम भक्तों के प्रति आभार व्यक्त किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि शांतनु महराज ने सात दिन की राम कथा के दौरान लोगों को संस्कृति, सभ्यता और सनातन धर्म के प्रति लोगों को जागरूक करने की जो प्रेरणा दी उनका भी बहुत—बहुत आभार है। राम कथा के आयोजक ज्ञान प्रकाश सिंह ने अंतिम दिन भगवान राम का राज्याभिषेक किया और भव्य आरती हुई। विशिष्ट अतिथियों को सम्मानित किया गया। राम कथा के अंतिम दिन भक्त भाव विभोर थे और बीच—बीच में जय श्री राम के जयकारे से पंडाल गूंजता रहा। सांतनु महराज के कथा के दौरान पुरूष एवं महिला भक्त नृत्य करते हुए मशगूल दिखे।
![]() |
AD |
![]() |
Advt. |
![]() |
Advt. |
0 टिप्पणियाँ