नया सवेरा नेटवर्क
हापुड़ की घटना को लेकर पुलिस प्रशासन के खिलाफ किया प्रदर्शन
जौनपुर। हापुड़ में अधिवक्ताओं पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज की घटना को लेकर बार कौंसिल ऑफ़ उत्तर प्रदेश के आह्वान पर दीवानी न्यायालय में अधिवक्ताओं ने मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश व पुलिस महानिदेशक का पुतला फूंका। परिसर में चक्रमण कर पुलिस व प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी प्रदशर््ान किया। 6 सितंबर को भी अधिवक्ता हड़ताल पर रहेंगे। बार काउंसिल की बैठक के बाद अग्रिम रणनीति की जाएगी। वकीलों की मांग है कि हापुड़ के डीएम एसपी का स्थानांतरण हो,दोषी पुलिस कर्मियों पर मुकदमा दर्ज हो,वकीलों के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस हों, एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू हो,घायल वकीलों को मुआवजा दिलाया जाए। मंगलवार को अध्यक्ष जितेंद्र नाथ उपाध्याय व मंत्री अनिल सिंह के नेतृत्व में अधिवक्ताओं ने पुतला फूंका व विरोध प्रदशर््ान किया। इस अवसर पर अवधेश सिंह,सुभाष यादव,अनिल सिंह,हिमांशु श्रीवास्तव,शरदेंदु चतुर्वेदी, अजीत सिंह, अश्वनी मिश्र, सुरेंद्र मिश्र,सीपी दुबे, राजकुमार यादव,संदीप यादव, हंसराज चौधरी, अरविंद सिंह,घनश्याम ओझा,सुजीत निषाद, प्रकाश कुमार, घनश्याम यादव,विकास तिवारी,शशि मोहन शुक्ला, मो. उस्मान,धीरेंद्र उपाध्याय,भुवन अस्थाना, जयप्रकाश सिंह,पंकज त्रिपाठी,निलेश निषाद, अवधेश यादव, सूर्यमणि पांडेय,सुरेंद्र प्रजापति,रीता सरोज आदि अधिवक्ता मौजूद थे।
मछलीशहर संवाददाता के अनुसार हापुड़ में अधीवक्ताओं पर हुये बर्बर लाठी चार्ज के विरोध में बार कौंसिल आफ उ.प्र.के आह्वान पर तहसील अधिवक्ताओं का तहसीलदार न्यायालय के बरामदे में धरना प्रदशर््ान हुआ। जुलूस निकालकर तहसील में तालाबन्दी व नारेबाजी हुई और मुख्य सचिव व डीजीपी का पुतला फूंका। 6 सितम्बर तक न्यायिक कार्य से विरत रहने का निर्णय लिया गया। अधिवक्ताओं ने बिचार व्यक्त कारते हुये मांग किया कि जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक हापुड़ का तत्काल स्थानांतरण किया जाय। अधिवक्ताओं के साथ महिला अधिवक्ता पर लाठीचार्ज करने वाले पुलिस कर्मियों पर मुकदमा दर्ज किया जाय। अधिवक्ताओं के विरु द्ध दर्ज फर्जी मुकदमें वापस लिये जांय। प्रदेश में तत्काल एडवोकेट्स प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाय। घायल अधिवक्ताओं को मुआबजा दिया जाय। इस अवसर पर अध्यक्ष रघुनाथ प्रसाद,महामंत्री बनवारी राम मौर्य,अशोक श्रीवास्तव,सुरेन्द्र मणि शुक्ला,हरि नायक तिवारी,सरजू प्रसाद विन्द,हरि शंकर यादव,शिव प्रसाद मौर्य,रतन लाल गुप्ता,सुरेन्द्र बहादुर,अरविंद यादव,नंद लाल यादव आदि ने विचार व्यक्त किया। संचालन श्याम सुंदर यादव ने किया।
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