जौनपुर: भागवत पुराण के एक एक शब्द महामंत्र के समान:जय किशोर | #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
कलश यात्रा में महिलाओं व पुरूषों ने लिया भाग
सिरकोनी जौनपुर। श्रीमद भागवत कथा का एक एक शब्द महामंत्र है। जो मनुष्य के लिए यह जीवन जीने की राह भी दिखाती है। उक्त बातें क्षेत्र के वीरभानपुर गांव में गुरु वार को पंडित रमेश चन्द्र मिश्र के आवास पर सात दिवसीय अयोजित श्रीमद भागवत कथा में प्रवचन करते हुए काशी से आये पंडित जय किशोर शास्त्री महाराज ने कही। श्री शास्त्री ने कहा कि श्रीमद भागवत के श्रवण मात्र से ही मनुष्य को पापों से मुक्ति मिल जाती है।उन्होनें शुकदेव महाराज के जन्म के बारे में विस्तार पूर्वक बताया।उन्होंने कहा कि भगवान शंकर जी ने माता पार्वती को श्रीमद भागवत की कथा सुना रहे थे।लेकिन उन्होंने पार्वती जी से शर्त रखा कि वे कथा सुनते समय वे सोएंगी नही तथा हुकारी भर्ती रहेंगी। जिससे यह अहसास हो कि वे कथा सुन रही हैं। पार्वती जी कथा सुनते समय सो गई। उस समय शंकर जी के पीछे पेड़ पर एक अंडा था जो हवा के झोखे से गिर गया। उसमें कथा के असर से जान आ गयी वह शंकर जी के कथा सुनाने के दौरान हुंकारी भरता रहा। जब कथा समाप्त हो गयी तब पार्वती जी भी नींद से उठ कर बोली प्रभु मैं सो गई थी। यह सुनते ही शिव जी ने कहा कि हुंकारी कौन भर रहा था। पीछे देखा तो अंडे के जीव ने कथा की हुंकारी भरी। उन्होनें उसे मारने को दौड़ाया। वह जाकर वेदव्यास की पत्नी के मुख में घुस कर पेट मे चला गया। 12 वर्ष तक उसने जन्म नही लिया। फिर वेदव्यास के काफी समझाने पर जन्म लिया। उसे बाद में वेदव्यास ने श्रीमद भागवत के 18 हजार श्लोक को सुनाया। इसके पूर्व श्री शास्त्री जी का रमेशचन्द्र मिश्र,शशिकांत पाठक,सन्तोष मिश्र, जितेन्द्र मिश्र,मनमोहन मिश्र,उमेश मिश्रा पत्रकार ,विजय मिश्र आदि ने माल्यार्पण कर स्वागत किया। योगाचार्य डॉ राजेश द्विवेदी के नेतृत्व में सुबह कलश यात्रा निकाली गयी। जिसमे काफी संख्या में महिलाओं व पुरु षों ने हिस्सा लिया।इस मौके पर अजय मिश्र, विनोद मिश्र, श्याम नरायन पाठक,लालसहब पाठक,रविन्द्र उपाध्याय,उमेश पाठक,रोहित मिश्र,निखिल मिश्र,हिमांशु मिश्र आदि मौजूद रहे।
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