नया सवेरा नेटवर्क
मुंबई/जौनपुर। किसी भी व्यक्ति का जन्मदिन ईश्वर का दिया गया वह तोहफा होता है, जिस दिन वह पृथ्वी पर पैदा होता है। यही कारण है कि हर व्यक्ति को अपना जन्मदिन कुछ इस तरह मनाना चाहिए कि ऊपर वाला भी कह उठे कि उसे इस पृथ्वी पर भेज कर मैंने कोई गलती नहीं की। जब हम किसी गरीब, जरूरतमंद और असहाय की मदद कर रहे होते हैं तो उन लोगों के चेहरों पर छाई खुशियां और उनकी दुआएं हम पर ईश्वर की कृपा बनकर वापस लौटती हैं। आमतौर पर अमीरों का जन्मदिन पूरी तरह से शाही अंदाज में मनाया जाता है।
शादी विवाह की तरह महफिल सजती है। जन्मदिन के नाम पर लाखों के वारे न्यारे हो जाते हैं। परंतु इसके विपरीत उद्योगपति ज्ञान प्रकाश सिंह का जन्मदिन अपने आप में अनोखा होने के साथ-साथ समाज के लिए प्रेरणादायक भी होता है। कल उन्होंने अपना जन्मदिन मुंबई के शाही जीवन से दूर अपनी मातृभूमि जौनपुर में अनाथ, असहाय, जरूरतमंद, विकलांगों और मरीजों के बीच मनाया। उनके चेहरों पर खुशियां लाई और उनका आशीर्वाद प्राप्त किया।
शीतला माता का दर्शन करने के बाद वे सीधे जिला अस्पताल पहुंचे, जहां उन्होंने मरीजों का हाल-चाल जानते हुए उन्हें फल बांटा। इसके बाद विकलांग बच्चों के स्कूल पहुंचकर उनके साथ केक काटा और उनकी पढ़ाई के लिए कंप्यूटर और डेस्कटॉप दिया। इसके बाद वृद्ध आश्रम पहुंचे ज्ञान प्रकाश सिंह ने विधवाओं की सुविधा के लिए तीन पंखे तथा फ्रिज दिया। ज्ञान प्रकाश सिंह यही नहीं रुके, पिछले दिनों ट्रेन दुर्घटना में हाथ पैर गंवाने वाले ईसापुर मोहल्ला निवासी प्रभुनाथ खरवार के उपचार के लिए उन्होंने 50 हजार रुपए की आर्थिक मदद की। इस अवसर पर उनके साथ अरविंद सिंह, शिक्षक नेता रमेश सिंह, प्रधानाचार्य विनोद राय, डॉ अरुण सिंह, पत्रकार मधुकर तिवारी, बबलू दुबे समेत अनेक मान्यवर उपस्थित रहे।
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