नया सवेरा नेटवर्क
हजरत मोहम्मद व इमाम हसन की शहादत पर हुई मजलिसें
जौनपुर। पैगम्बर इस्लाम रसूले ख़्ाुदा हज़रत मोहम्मद मुस्तफा स.अ. व उनके नवासे हज़रत इमाम हसन अलैहिस्सलाम की शहादत की याद में नगर में मजलिस मातम व जुलूसों का सिलसिला बुधवार की रात्रि से शुरू हो गया जो शुक्रवार की रात्रि तक चलेगा। बुधवार की रात मजलिस के बाद जुलूस निकला। जिसमें सोज़ख्वानी मो. अब्बास काज़मी व उनके हमनवा ने किया। पेशख्वानी हेजाब इमामपुरी व साहेबरज़ा ने किया। मजलिस को मौलाना महफूज़ुल हसन खां ने सम्बोधित करते हुए पैगम्बरे इस्लाम मोहम्मद साहब के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मोहम्मद साहब ने पूरी दुनिया को न सिर्फ शांति का संदेश दिया बल्कि अपने किरदार से दुनिया को अंधकार मुक्त बनाने का तरीका भी बताया। दूसरों के बुरे समय में मददगार बनने वाला अल्लाह का नेक बंदा होता है। बाद खत्म मजलिस शबीहे अलम निकाला गया। जुलूस में अन्जुमन जुल्फेक़ारिया मस्जिदतला, कौसरिया रिज़वी खान, अज़ादारिया बारादुअरिया व बेशीरे करबला हममाम दरवाज़ा ने नौहा मातम किया। अन्त में सै मो मुस्तफा, सै शाहिद हुसैन गुड्डू व सै जावेद ने लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर सै मो हसन नसीम, इसरार हुसैन, असद, कायम आब्दी, शोएब, मुफ्ती शारिब, सै मेहदी हसन सामिन, ताहरि खान, जहीर हसन, नजमुल हसन, हुसैन मुस्तफा वजी, अमीरु ल हसन, साजन, सहित हज़ारों की संख्या में महिला पुरु ष बच्चे उपस्थित रहे। वहीं गुरूवार की दोपहर में कदम रसूल शाह का पंजा हुसैनाबाद में मजलिस को खेताब करते हुए मौलाना फजले मुम्ताज खां ने कहा कि हजरत मोहम्मद स.अ. के दीने इस्लाम को पूरी दुनिया में फैलाने व बचाने में उनके नवासों का बड़ा योगदान रहा जिसमें इमाम हसन ने भी अपनी शहादत देकर इस्लाम को परवान चढ़ाया। आज हम सब उनका गम मनाने के लिए यहां इकट्ठा हुए हैं। कहा कि हजरत मोहम्मद का दुनिया में आने का मकसद लोगों में भाईचारा व मोहब्बत का पैगाम देना था। उन्होनें इंसानियत को संदेश दिया कि मोहब्बत से जीना ही जिंदगी है। मजलिस के बाद शबीहे ताबूत, तुरबत व अलम का जुलूस निकाला गया जो अपने कदीम रास्तों से होते हुए शाह का पंजा इमामबाड़ा पहुंचा जहां बेलाल हसनैन ने तकरीर किया जिसके बाद शबीहे तुर्बत को सुपुर्दे खाक किया गया। इससे पूर्व सोजखानी सैयद अली काविश व उनके हमनवां ने किया। जूलूस में अंजुमन अलमदारिया खनुवाई, अंजुमन गुलशने अब्बास भादी शाहगंज, अंजुमन बजमे अजा कटघरा नौहा मातम करती रही। आभार जुलूस के संयोजक कल्बे अब्बास अच्छे ने प्रकट किया।
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