शिव आरती! | #NayaSaveraNetwork
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शिव आरती!
ओम जय डमरूधारी,
तेरी महिमा अतिभारी।
मात -पिता तू मेरे,
मात-पिता तू मेरे,
आया तेरे द्वारी।
ॐ जय डमरूधारी............... (2)
श्वेताम्बर, पीताम्बर सोहे अंग तेरे,
शिव सोहे अंग तेरे।
भांग, धतूर ही लाया,
भांग, धतूर ही लाया और न कुछ मेरे।
ओम जय डमरूधारी................
ओम जय डमरूधारी,
तेरी महिमा अतिभारी।
मात -पिता तू मेरे,
मात-पिता तू मेरे,
आया तेरे द्वारी।
ॐ जय डमरूधारी..................
काशी पुराधिपति,कैलाशी,तू हीं लिंगेश्वर,
शिव, तू हीं लिंगेश्वर ।
हे! शशिशेखर, हे! विश्वेश्वर, तू हीं परमेश्वर।
शिव, तू हीं परमेश्वर।
ओम जय डमरूधारी..................
ओम जय डमरूधारी,
तेरी महिमा अतिभारी।
मात -पिता तू मेरे,
मात-पिता तू मेरे,
आया तेरे द्वारी।
ॐ जय डमरूधारी..................
सुखकर्ता दुःखहर्ता, तू जग पालन कर्ता,
शिव जग पालन करता।
तू ही अनीश्वर,हे! परमेश्वर, तू ही मेरा भर्ता।
शिव,तू ही मेरा भर्ता।
ओम जय डमरूधारी...
ओम जय डमरूधारी,
तेरी महिमा अतिभारी।
मात -पिता तू मेरे,
मात-पिता तू मेरे,
आया तेरे द्वारी।
ॐ जय डमरूधारी...................
पंचानन, गरुणासन, शम्भू, हे! अंतर्यामी
शिव, हे! अंतर्यामी।
सनकादिक,भूतादिक तू जग का स्वामी,
शिव, जग का स्वामी।
ओम जय डमरूधारी............
ओम जय डमरूधारी,
तेरी महिमा अतिभारी।
मात -पिता तू मेरे,
मात-पिता तू मेरे,
आया तेरे द्वारी।
ॐ जय डमरूधारी...................
रामकेश एम. यादव (लेखक) मुंबई
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