नया सवेरा नेटवर्क
नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को गीता प्रेस के शताब्दी समारोह के समापन कार्यक्रम में हिस्सा लिया. इस दौरान उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि गीता प्रेस एक संस्था नहीं, बल्कि एक जीवंत आस्था है. वह इस रूप में मौजूद दुनिया की एक इकलौती प्रेस है. प्रधानमंत्री गीता प्रेस करोड़ों लोगों के लिए एक मंदिर है. इसके नाम और काम दोनों में गीता है. गीता प्रेस हिंदू धार्मिक किताबों को प्रिंट करने वाली दुनिया की सबसे बड़ा पब्लिशर है.
गीता प्रेस को हाल ही में गांधी शांति पुरस्कार 2021 से नवाजा गया है. जिस निर्णायक मंडली ने गीती प्रेस को पुरस्कार से नवाजा, उसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे थे. गांधी शांति पुरस्कार के तहत गीता प्रेस को एक करोड़ रुपये कैश, एक प्रशस्ति पत्र और एक पट्टिका तथा एक उत्कृष्ट पारंपरिक हस्तकला या हथकरघा उत्पाद दिया जाना है. हालांकि, गीता प्रेस का कहना है कि वह पुरस्कार राशि नहीं लेगी, जबकि प्रशस्ति पत्र को स्वीकार किया जाएगा.
- गांधी शांति पुरस्कार की हकदार है गीता प्रेस
पीएम ने गीता प्रेस के शताब्दी समापन समारोह को संबोधित करते हुए बताया कि जहां गीता होती है, वहां कृष्ण भी होते हैं. जहां कृष्ण रहते हैं, वहां करुणा और कर्म रहते हैं. उन्होंने कहा कि गीता प्रेस को संतों की कर्मस्थली के तौर पर जाना जाता है. गीता प्रेस संस्था न होकर आस्था का प्रतीक है. गांधी शांति पुरस्कार को लेकर बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि गीता प्रेस को इस पुरस्कार से नवाजा गया, क्योंकि वह इसकी हकदार है. गीता प्रेस का कार्यालय मंदिर के समान है.
- भारत को एकजुट कर रही गीता प्रेस
प्रधानमंत्री ने बताया कि गीता प्रेस के रूप में एक आध्यात्मिक ज्योति जली है, जिसकी रोशनी मानवता का मार्गदर्शन कर रही है. गीता प्रेस की स्वर्ण शताब्दी का साक्षी बनना हमारा सौभाग्य है. उन्होंने बताया कि गीता प्रेस सिर्फ कर्म और धर्म से जुड़ी संस्था नहीं है, बल्कि ये राष्ट्रीय चरित्र वाली है. गीता प्रेस भारत को जोड़कर एकजुट कर रही है.
गीता प्रेस के मूल्यों को लेकर भी पीएम ने बात की. उन्होंने बताया कि गीता प्रेस इस बात का जीता-जागता सबूत है कि अगर आपका उद्देश्य, मूल्य पवित्र है, तो सफलता आपको जरूरी मिलेगी. गीता प्रेस हमेशा सामाजिक मूल्यों को समृद्ध करने वाला संस्थान है. इसने लोगों को कर्तव्य पथ का रास्ता दिखाया है.
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