जौनपुर: सीएम योगी आदित्यनाथ से नई सड़क बनवाने की हुई मांग | #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
बिजेथुआ महावीरन संपर्क मार्ग जानलेवा गड्ढों में तब्दील
जौनपुर। विकासखंड सुईथाकला क्षेत्र अंतर्गत जमौली चौराहे से बिजेथुआ महावीरन मार्ग बड़े-बड़े जानलेवा गड्ढों में तब्दील हो गया है जिससे बाबा बजरंगबली के श्रद्धालुओं छात्रों तथा आम राहगीरों के साथ दुर्घटना की संभावना पूर्ण रूप से बरकरार है। आए दिन इस मार्ग में बड़े-बड़े गड्ढे बन जाने के कारण दुर्घटना होना आम बात साबित हो रही है। सरकार बेशक शहरी क्षेत्रों में तथा हाईवे बनाने में पूरी तरह से सफल है और सड़कों की गुणवत्ता अच्छी है किंतु गड्ढा मुक्ति की हकीकत देखना हो तो आप सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में देख सकते हैं। बिजेथुआ महावीरन सुल्तानपुर तथा जौनपुर जनपद के सीमा पर स्थित है। यह पवित्र पावन धाम प्रदेश ही नहीं बल्कि देश की आस्था का प्रमुख केंद्र है। बिजेथुआ महावीरन संपर्क मार्ग जमौली चौराहे बिरैली होते हुए सूरापुर-ढकवा प्रतापगढ़ मार्ग को जोड़ता है। मंदिर परिसर में मंगलवार और शनिवार को मेला लगता है जहां हजारों की तादाद में लोग इकट्ठा होकर आस्था और श्रद्धा की डुबकी लगाते हैं। इसी मार्ग से होकर हजारों श्रद्धालु और भक्त आते जाते हैं। यह ऐतिहासिक और पौराणिक धर्म स्थली है जहां हनुमान जी ने संजीवनी बूटी के लिए जाते समय इसी स्थान पर कालनेमि का वध किया था। इस सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे बनने से दुर्घटना की संभावनाएं निरंतर बनी हुई है। लोगों की आस्था धर्म भक्ति और श्रद्धा बनी रहे इसके लिए हजारों लोगों की जीवन की सुरक्षा के लिए नई सड़क बनना जनहित में जरूरी हो चुका है। इसके अतिरिक्त गांधी स्मारक विद्यालय संकुल समोधपुर, एसवीडी गुरु कुल महाविद्यालय समेत दर्जनों विद्यालय के हजारों छात्र- छात्राओं का आवागमन इसी मार्ग से होता है। कई फीट गहरे बड़े बड़े गड्ढे छात्र-छात्राओं और हनुमान जी के भक्तों के साथ साथ आम राहगीरों की मौत को भी आमंत्रण दे रहे हैं जिसको लेकर जिला प्रशासन गंभीर नहीं है। वर्षों से जर्जर सड़क अब मरम्मत के लायक नहीं है बल्कि क्षेत्रीय लोगों की लंबे समय से नई सड़क बनाने की मांग है। क्षेत्र के लोगों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग किया है कि इस सड़क की जांच स्वयं जिलाधिकारी करें ताकि श्रद्धालुओं,छात्र-छात्राओं और आम राहगीरों की जान को खतरे से बचाने के लिए आवागमन में हो रही बाधा को दूर किया जा सके। जमौली -बिरैली मार्ग जानलेवा गड्ढों में इस तरह से तब्दील हो गया है कि राहगीर इस मार्ग से होकर जाने से कतराते हैं। इस मार्ग से न होकर कई किलोमीटर दूर से घूम कर अपने गंतव्य स्थल को पहुंचने में ही लोग अपनी भलाई समझते हैं।
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