वाराणसी: कबीर के रचना लोक पर बीएचयू में होगा मंथन | #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
वाराणसी। संत कबीर के 625वें जयंती वर्ष पर बीएचयू के हिंदी विभाग में 9 से 11 जून तक तीन दिनी अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी होगी। शनिवार को प्रेसवार्ता के दौरान विभागाध्यक्ष प्रो. सदानंद शाही और वरिष्ठ आचार्यों ने बताया कि इसके साथ ही विभाग के 105 वर्ष पूरे होने पर ‘हिंदी आलोचना का बीएचयू स्कूल नामक संकलन भी प्रकाशित किया जाएगा। प्रेसवार्ता में प्रो. शाही के साथ प्रो. कृष्णमोहन सिंह और प्रो. चंपा सिंह ने बताया कि भक्ति कविता का आकलन मूल्यांकन हिन्दी विभाग की विशेषज्ञता रही है।
कबीर, सूर, जायसी और तुलसी के प्रामाणिक मूल्यांकन से विभाग के पूर्व आचार्यों ने भक्ति कविता को हिन्दी के स्वर्ण युग के रूप में स्थापित किया है। इस परम्परा को आगे बढ़ाते कबीर के 625वें जयंती वर्ष में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी ‘संत कविता में मानव धर्म : कबीर से कीनाराम तक का आयोजन 9 से 11 जून तक होगा। उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान और भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद् का भी इसमें सहयोग रहेगा।
संगोष्ठी में कबीर और रैदास के साथ संत पलटूदास, शिवनारायण, गरीबदास, दयाबाई, सहजोबाई, मलूकदास से लेकर बाबा कीनाराम पर भी विस्तृत विमर्श होगा। अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में प्रो शंभुनाथ कोलकाता, प्रो गोपेश्वर सिंह, रंजन सिंह नई दिल्ली, प्रो सच्चिदानन्द मिश्र, प्रो माधव हाड़ा उदयपुर, प्रो दलपत सिंह राजपुरोहित टैक्सास अमेरिका, प्रो संध्या सिंह नेशनल यूनिवर्सिटी सिंगापुर, सरिता माली कैलिफोर्निया अमेरिका, प्रो राजेश कुमार मल्ल एवं प्रो दीपक त्यागी गोरखपुर, प्रो कृष्ण कुमार सिंह वर्धा, श्रीलताविष्णु केरल, प्रो योगेन्द्र सिंह प्रयागराज, प्रो सर्वेश सिंह लखनऊ, प्रेम सिंह राजपुरोहित जोधपुर सहित दो दर्जन से अधिक देश और विदेश के विद्वान शामिल हो रहे हैं।